नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा अपनी गिरफ्तारी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिका पर आज तीसरे दिन सुनवाई हो रही है। बीती दो हियरिंग में अदालत ने केजरीवाल के वकील का पक्ष सुना आज अदालत ईडी के वकील की दलीलें सुन रही है।
गौरतलब है कि अदालत ने पिछली सुनवाई में खुद ही कहा था क्योंकि यह चुनाव का समय है तो हम केजरीवाल की अंतरिम जमानत पर भी विचार कर सकते हैं। तब ईडी ने कहा था कि कोई भी फैसला लेने से पहले हमारा पक्ष भी सुना जाए। ऐसे में आज अदालत ईडी की दलीलें सुन रही है।
- आज सुनवाई शुरू हुई तो एएसजी एसवी राजू ने अपना पक्ष रखना शुरू किया। उन्होंने कहा, मैं 100 करोड़ के हवाला ट्रांजेक्शन से बात शुरू करना चाहता हूं। मनीष सिसोदिया की बेल रिजेक्ट होने के बाद एक शिकायत आई थी और 1100 करोड़ रुपये अटैच किए गए।
- इस पर जस्टिस खन्ना ने कहा दो साल में ये 1100 करोड़ हो गए? आपने तो कहा था कि अपराध 100 करोड़ का है फिर यह इतना कैसे हो गया?
- इस पर राजू ने कहा कि नीति से जो लाभ हुआ वो 1100 करोड़ है। तब जस्टिस खन्ना ने कहा आप पूरे लाभ को अपराध की श्रेणी में नहीं ला सकते।
- तब राजू ने कहा कि इस वक्त यह जांच अधिकारी के विवेक पर है कि वह फैसला ले कि कौन सा स्टेटमेंट सही है और कौन सा नहीं…।
- राजू ने आगे कहा, जब हमने जांच शुरू की थी तब हमारी जांच सीधे तौर पर केजरीवाल से नहीं जुड़ी थी। उनका रोल जांच के दौरान सामने आया। इसीलिए हमने शुरुआत में एक भी सवाल उन्हें लेकर नहीं हुए और न ही जांच उनपर केंद्रित थी।
- राजू ने आगे कहा, तथ्यात्मक रूप से बयानों में कोई विरोधाभास नहीं है। वह याचिकाकर्ता के फेवर में हैं यह नहीं माना जा सकता।
- राजू ने आगे कहा, हमने 25 अप्रैल 2023, तक एक भी सवाल नहीं किया। तब जस्टिस खन्ना ने पूछा सरथ रेड्डी कब गिरफ्तार हुआ? राजू ने बताया 10 नवंबर 2022 को ये सभी बयान सीसीटीवी की निगरानी में कस्टडी में लिए गए थे।
- अदालत ने कहा कि आप याचिकाकर्ता को सभी बयान उपलब्ध कराइए तो ईडी ने कहा कि उसमें और भी चीजें हैं। तब अदालत ने कहा कि उन्हें अलग कर बयान उपलब्ध कराइए।
- जस्टिस खन्ना ने ईडी से पूछा कि सरकार की तरफ से पहला शख्स किस तारीख को गिरफ्तार हुआ था? एएसजी ने कहा, 9 मार्च। फिर वह सरथ रेड्डी का बयान कोर्ट को दिखाने लगे और कहा कि इन बयानों का केजरीवाल से लेना-देना नहीं है। इस पर जस्टिस खन्ना ने कहा, उनकी दलील है कि आपने वो सवाल क्यों नहीं पूछा।
- इस पर राजून कहा कि उस वक्त किसी को बिना कारण ब्लेम करना गलत होता।
- तब जस्टिस खन्ना ने कहा, आपने केजरीवाल से जुड़ा सवाल नहीं पूछा ये आपका इशू है। जस्टिस खन्ना ने ये भी पूछा कि क्या 100 करोड़ आपकी जानकारी में थे? क्या आप केस डायरी मेनटेन करते हैं?
- इस पर राजू ने कहा केस फाइल….। तब जस्टिस खन्ना ने कहा, आप वो केस फाइल दो वॉल्यूम में पेश करें। हम अधिकारी की नोटिंग देखना चाहते हैं।
- जस्टिस खन्ना ने बताया एक सरथ रेड्डी के गिरफ्तार होने से पहले। एक जब उसका बयान सीआरपीसी की धारा 164 के तहत दर्ज किया गया था। एक मनीष सिसोदिया के गिरफ्तार होने से पहले की केस फाइल और एक उनके गिरफ्तार होने के बाद की।
- फिर जस्टिस खन्ना ने पूछा कि क्या आप मजिस्ट्रेट के सामने केस फाइल पेश करते हैं? तब ईडी ने कहा रिमांड के पहले फाइल पेश करनी पड़ती है।
- तब जस्टिस खन्ना ने कहा कि एक और फाइल पेश करिए जिसमें अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी से पहले की बातें होंगी।
- ईडी की कुछ दलीलें सुनने के बाद जस्टिस खन्ना ने कहा कि आप जो कह रहे हैं सब ठीक है। आप कह रहे हैं कि राजनीतिक एक्जीक्यूटिव पॉलिसी बनाने में बिल्कुल शामिल नहीं थे… और अगर शामिल थे तो यह मुद्दा पीएमएलए की धारा 19 तक सीमित है।
- जस्टिस खन्ना ने आगे कहा दूसरा मुद्दा ये है कि इसमें दो साल लग गए… यह एक जांच एजेंसी के लिए ठीक नहीं है कि चीजें उजागर होने में दो साल का समय लग जाए।
- लंबी बहस के बाद अदालत ने कहा, केजरीवाल निश्चित तौर पर जमानत के लिए अप्लाई कर सकते हैं। इस पर ईडी के वकील दलीलें देने लगे तो अदालत ने उनसे पूछा कि क्या आप दोपहर 1 बजे तक अपनी दलीलें पूरी कर लेंगे? तो हम आधा घंटा याचिकाकर्ता को भी देंगे अंतरिम जमानत के लिए।
- इस पर ईडी के वकील के कहा कि एक सेशन में हो जाएगा 1 बजे तक की गारंटी नहीं दे सकते।
- जस्टिस खन्ना ने कहा कि 12.30 बजे हम अंतरिम जमानत को लेकर दलील सुनेंगे। इस पर ईडी के वकील राजू ने कहा कि वह पूरी तरह से बहस कर चुके हैं और आपकी इस बात से मैं पंगु बन गया।
- इस पर जस्टिस खन्ना ने कहा, वह चुने हुए मुख्यमंत्री हैं। यह चुनाव का समय है। यह अभूतपूर्व परिस्थितियां हैं। वह कोई आदतन अपराधी नहीं हैं। इस पर एसजी तुषार मेहता ने कहा हम ये क्या उदाहरण सेट कर रहे हैं। क्या अन्य लोग सीएम से कम महत्वपूर्ण हैं। वह सीएम हैं इसलिए अलग मानक स्थापित नहीं किए जा सकते। क्या हम राजनेताओं के लिए अलग रवैया अपना रहे हैं? क्या चुनाव के लिए प्रचार इतना जरूरी है?
- इस पर जस्टिस खन्ना ने कहा वह अलग बात हो गई। चुनाव पांच साल में एक बार आते हैं। हम नहीं चाहते कि जो राजनेता अपराध में लिप्त हैं उन्हें अलग तरह से ट्रीट किया जाए। इस पर एसजी ने पूछा, प्रश्न ये है कि आपने उन्हें जमानत देनी चाहिए या नहीं। उन्हें 6 महीने पहले बुलाया गया था अब वह अपने कार्य के खुद ही जज बन गए हैं।
- अगर उन्होंने सहयोग किया होता तो शायद वह अरेस्ट नहीं होते। अब वो कह रहे हैं कि वह प्रचार करना चाहते हैं।
- एसजी मेहता ने कहा, हमें समय को लेकर सीमित करना अच्छा नहीं है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। फिर अदालत ने कहा कि हम कोर्ट में कोई भुनभुनाहट और टिप्पणी नहीं चाहते। इस पर मेहता ने कहा, योर लॉर्डशिप आप इसे नियंत्रित नहीं कर पाएंगे। मुख्यमंभी समन से भाग रहे हैं, उन्हें बेल देने से गलत मैसेज जाएगा। इस पर कोर्ट ने कहा कि हम आपके ऑब्जेक्शन को समझ गए हैं।