अहमदाबाद, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गुजरात की दो दिवसीय यात्रा पर शुक्रवार देर रात अहमदाबाद एयरपोर्ट पहुंचे। यहां राज्यपाल आचार्य देवव्रत व मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल आदि ने उनका स्वागत किया। प्रधानमंत्री शुक्रवार रात गांधीनगर राजभवन में निवास करेंगे। शनिवार सुबह अपनी मां हीराबेन के सौवें जन्मदिन पर उनका आशीर्वाद लेने के बाद पीएम मोदी पावागढ़ के महाकाली मंदिर पर ध्वज लहराएंगे। इसके बाद वडोदरा में 21 हजार करोड़ की खेड़ा, आणंद, पंचमहाल, वडोदरा व छोटा उदेपुर जिले में विविध विकास योजनाओं का उद्धघाटन व शिलान्यास करेंगे।
पंचमहल जिले में ऐतिहासिक महत्व के चांपानेर के पास स्थित प्राचीन महाकाली मंदिर के शिखर को 500 साल पहले सुल्तान महमूद बेगड़ा ने नष्ट कर दिया था। नजदीक में बनी दरगाह भी दोनों समुदाय की सहमति से दूसरी जगह स्थानांतरित कर दी गई, जिससे मंदिर को भव्य बनाया जा सके। पावागढ़ में यूनेस्को की ओर से प्राचीन विरासत घोषित चांपानेर के नजदीक बने मां काली के 11वीं सदी के मंदिर को 125 करोड़ की लागत से पुनर्निर्मित किया गया है।
हर साल लाखों श्रद्धालु आते हैं यहां
मंदिर के व्यवस्थापक अशोक पंड्या बताते हैं कि करीब 500 साल पहले सुल्तान महमूद बेगड़ा ने मंदिर के शिखर को नष्ट कर दिया था। शनिवार को प्रधानमंत्री मोदी पुनर्विकसित महाकाली मंदिर का उद्घाटन करेंगे। मंदिर चंपानेर-पावागढ़ पुरातत्व पार्क यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल के भीतर स्थित है। यहां हर साल लाखों श्रद्धालु आते हैं। मंदिर के ट्रस्टी अशोक पंड्या ने कहा कि वह नवनिर्मित शिखर पर पारंपरिक लाल झंडा भी फहराएंगे। ऐसी मान्यता है कि ऋषि विश्वामित्र ने पावागढ़ में देवी कालिका की मूर्ति स्थापित की थी।
महमूद बेगड़ा ने किया था नष्ट
मंदिर के मूल शिखर को सुल्तान महमूद बेगड़ा ने 15 वीं शताब्दी में चंपानेर पर आक्रमण के दौरान नष्ट कर दिया था। इसके बाद यहां एक मुस्लिम संत सदान शाह पीर की दरगाह बनाई गई। मंदिर पर झंडा फहराने के लिए कोई शिखर नहीं था, इसलिए कई वर्ष तक यहां धवज नहीं फहराया जा सका था। जब कुछ साल पहले पुनर्विकास शुरू हुआ, तो दरगाह संचालकों से दरगाह को अन्यत्र स्थानांतरित करने का अनुरोध किया गया, जिसे उन्होंने मान लिया और दोनों की रजामंदी से मंदिर पर ऐतिहासिक शिखर बांधा गया।