मऊ

घमंड टूटने के बाद भी अपनों को ठुकराने और गैरों को अपनाने की फितरत से बाज नहीं आ रही भाजपा, कार्यकर्ताओं का रो रहा दिल, लेकिन अनुशासन में आंखें नम नहीं… रिपोर्ट/ऋषिकेश पांडेय


(ऋषिकेश पांडेय)
मऊ।अभी हाल ही में सम्पन्न हुए नगर पालिका परिषद के चुनाव में भाजपा ने ऐन वक्त पर भाजपा कार्यकर्ताओं की उपेक्षा कर बसपा से भाजपा में आये एक दलित को अनारक्षित सीट पर टिकट दे दिया। जबकि अनारक्षित वर्ग के एक से बढ़कर एक दिग्गज चुनाव लड़ना चाहते थे। जिनके अरमानों पर पानी फेरते हुए उन पर ऊपरी आदेश थोप दिया। मंत्रियों की फौज लगवाकर चुनाव जितवाना चाहा। मगर, अरशद जमाल के आगे न सिर्फ भाजपा उम्मीदवार बुरी तरह पराजित हुआ। बल्कि भाजपा के बड़बोले नेताओं की घिग्घी बंध गई। इसके बावजूद घोसी विधानसभा के उपचुनाव में नगर पालिका चुनाव से सबक न लेकर भाजपा ने एक बार फिर अपने कार्यकर्ताओं की राजनीतिक हत्या कर चुनाव के ऐन वक्त पर सपा से भाजपा में शामिल हुए दारा सिंह चौहान को टिकट थमा दिया। भाजपा के इस फैसले से पार्टी के एक-एक कार्यकर्ताओं का दिल रो रहा है। लेकिन, अनुशासन में उनकी आंखें तक नम नहीं हो रही हैं। शायद,यह भाजपा का अहंकार ही है कि लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आने के बाद, विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आने के बाद और नगर पालिका चुनाव में मंत्रियों की फौज लगाने के बाद भी जनता ने समर्पित कार्यकर्ताओं की उपेक्षा करने का खामियाजा भाजपा को भुगता दिया। इसके बावजूद भाजपा ने तीन-तीन पराजयों से भी सबक नहीं लिया और घोसी विधानसभा के उपचुनाव में भी भाजपा कार्यकर्ताओं को दरकिनार कर सपा से भाजपा में आये दारा सिंह चौहान को टिकट थमा दिया। भाजपा ने यह सीट जीतने के लिए मंत्रियों की फौज लगा दिया है।जिसकी कड़ी में सूबे के उपमुख्यमंत्री सोलह अगस्त को मऊ आ रहे हैं। जिसे कोपागंज में जनसभा का नाम दिया गया है। लेकिन, देखना यह है कि जो चुनाव आगामी लोकसभा चुनाव का सेमीफाइनल है, उसमें भाजपा का घमंड घोसी की जनता इस बार फिर तोड़ती है कि सत्ता की ताकत का बेजा इस्तेमाल कर सपा की सीट को अपनी झोली में डालने में भाजपा सफल हो पाती है। बहरहाल परिणाम चाहे जो हो, लेकिन भाजपा के लगातार अहंकार पालने से पार्टी का हर कार्यकर्ता अंदर ही अंदर बेहद क्षुब्ध दिखाई पड़ रहा है।यह अलग बात है कि दिल में दर्द होने के बाद भी भाजपा कार्यकर्ताओं की आंख अनुशासन में नम नहीं दिख रही है। जिससे भाजपा भ्रम में है कि शायद उसके द्वारा लिए जा रहे लगातार बर्बर फैसलों के बाद भी भाजपा कार्यकर्ताओं को कोई ग़म नहीं है।