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घरेलू उड़ानों में सिखों के कृपाण साथ रखने के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट का इंकार


नई दिल्ली, एजेंसी।  सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court) ने शुक्रवार को ब्यूरो आफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी (Bureau of Civil Aviation Security’s, BCAS) के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई से इंकार कर दिया। दरअसल घरेलू उड़ानों में सिख यात्रियों को कृपाण रखने की अनुमति दी गई थी। इसके खिलाफ हिंदू सेना ने याचिका दायर की जिसपर कोर्ट ने सुनवाई करने इंकार कर दिया और याचिकाकर्ता को हाईकोर्ट जाने की सलाह दी।

हिंदू सेना ने याचिका दायर कर दी चुनौती

हिंदू सेना की ओर से दायर की गई याचिका में कहा गया है कि विमान में सिखों के कृपाण साथ रखने की अनुमति से दूसरे यात्रियों के लिए खतरा पैदा हो सकती है। जस्टिस अब्दुल नजीर और जेके माहेश्वरी की बेंच ने मामले पर शुक्रवार को यह फैसला दिया है। इसके बाद याचिकाकर्ता को अपनी पीटीशन वापस लेनी पड़ी जिसे एडवोकेट अंकुर यादव ने दायर किया था।

– 9 मार्च को SGPC के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया लिखा पत्र

– 4 मार्च के आदेश को बताया सिख अधिकारों पर हमला

– 12 मार्च को BCAS ने 4 मार्च के आदेश को लेकर शुद्धिपत्र जारी किया

– शुद्धिपत्र ने उस अनुच्छेद को हटा दिया, जिसमें सिख कर्मचारियों को किसी भी हवाई अड्डे पर कृपाण लाने पर रोक लगाई गई थी

याचिका में धर्म के आधार पर किसी भी चीज को एयरपोर्ट पर ले जाने से रोकने के लिए निर्देश जारी करने की मांग की गई है। हिंदू सेना ने 4 मार्च 2022 को एविएशन सिक्योरिटी द्वारा दिए गए आदेश को चुनौती दी है। 4 मार्च के आदेश में आगे कहा गया था, ‘यह अपवाद केवल ऊपर बताए गए सिख यात्रियों के लिए होगा। हवाई अड्डे पर और किसी भी टर्मिनल, घरेलू या अंतरराष्ट्रीय में काम करने वाले किसी भी हितधारक या उसके कर्मचारी (सिख सहित) को व्यक्तिगत रूप से कृपाण ले जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।’