चंदौली। जनपद में नाग पंचमी का पर्व विभिन्न कार्यक्रमों के साथ ेंमंगलवार को धूमधाम के साथ मनाया गया। नाग पंचमी पर सुबह से ही घरों की साफ-सफाई शुरु हो गयी थी जिसके बाद लोगों ने स्नान कर घरों व मंदिरों में दूध लावा चढ़ाया। इसके बाद घर में बने विभिन्न व्यंजनों का लोगों ने स्वाद चखा। वही नाग पंचमी पर विभिन्न क्षेत्रों में कुश्ती प्रतियोगिता के साथ अन्य खेल प्रतियोगिताएं आयोजित की गयी जिसमें खिलाडिय़ों व पहलवानों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। बाजारों में भी दूध लावा व नाग देवता के तस्वीर की लोगों ने खरीददारी किया। अलीनगर प्रतिनिधि के अनुसार हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी अलीनगर स्थित कोट शायर माता मंदिर परिसर में कुश्ती प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें पहलवानों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। अंतिम कुश्ती ४१०० सौ की हुई जिसमें अलीनगर के अरविंद यादव ने पहलवान को शिकस्त देकर विजयी घोषित हुए। अरविंद यादव जनपद का केशरी भी रह चुके हैं। कुश्ती प्रतियोगिता को देखने के लिए मंदिर परिसर में काफी संख्या में लोगों की भीड़ जुटी रही। कुश्ती प्रतियोगिता में आये पहलवानों व संभ्रांत नागरिकों का कार्यक्रम आयोजन सोनू चौहान ने माला पहनाकर स्वागत किया। वही बच्चों ने चाट गोल गप्पा, आईस्क्रीम व खिलौने की खरीददारी कर मेले का लुत्फ उठाया। इस अवसर पर पूर्व चेयरमैन मुसाफिर सिंह चौहान, शेख क्यामुद्दीन, शिवशंकर शर्मा, सुरेश यादव, अमीरचंद, सुरेन्द्र यादव आदि रहे। कुश्ती निर्णायक की भूमिका राजाराम सोनकर ने निभाई। पड़ाव प्रतिनिधि के अनुसार क्षेत्र के चांदीतारा गांव में भी लगातार तीन वर्षों से कुश्ती का आयोजन किया जाता रहा है जिसमें क्षेत्र के डांडी स्थित नाग पंचमी पचइया के अवसर पर कुश्ती का आयोजन जनपद में चर्चित है। इस दौरान दर्जनों पहलवानों ने एक दूसरे पर कुश्ती में पटखनी देने की भरपूर कोशिश किया। हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी दांडी के पहलवानों द्वारा कुश्ती का आयोजन किया गया। जिसमें कई जनपदों के पहलवान प्रतियोगी के रूप में प्रतिभाग किये आयोजकों द्वारा 1000 से लेकर 21000 तक इनाम राशि रखी गई थी जिसमें ज्यादातर पहलवान बराबरी पर रही। 1000 इनाम राशि पर कुश्ती लडऩे वाले विकास मुगलसराय दांडी स्थित रामसेवक द्वारा पराजित हुए हालांकि इस दौरान 30 जोड़ी पहलवानों का दंगल संपन्न हो चुका था। चहनियां प्रतिनिधि के अनुसार नागपंचमी के अवसर पर मंगलवार को बिसुपुर व महुआरी खास गांव के बीच परम्परागत रूप से चली आ रही सिर फोड़ परम्परा का आयोजन हुआ। जिसमें पहले दोनों गांव के लोग अपने अपने इष्ट देव की पूजा करने के बाद गांव के बाहर सिवान में नहर के दो छोरों पर लगभग 100 मीटर की दूरी पर एकत्रित हुए। जहां लड़कियों महिलाओं ने कजरी गीत आदि गाया। फिर वही महिलाएं एक दूसरे गांव की महिलाओं व पुरूषों को भद्दी भद्दी गालियां देना शुरू कर दिया जिसे सुनकर लोग शर्म से पानी पानी हो जाय। महिलाओं ने गाली गलौज करके पुरूषों को उकसाया ताकि वे एक दूसरे गांव के लोगों से भीड़ सके। गाली गलौज के दौरान ही दोनों गांव के युवक एक दूसरे पर मिट्टी के ढेले व ईंट पत्थर के टुकड़े फेंकने लगे। लेकिन दो चार लोगों को हल्की फुल्की चोट आयी और सभी लोग परम्परा को सकुशल सम्पन्न कराकर अपने अपने घर वापस लौट आए। यह परम्परा बिसुपुर व महुआरीखास के बीच नाग पंचमी पर निभायी जाती है । जिसे सुनने के बाद लोगो के रौंगटे खड़े हो जाते है । यह परम्परा वर्षों से चली आ रही है । उक्त परम्परा बीच में दो तीन वर्ष से बन्द थी क्योंकि बिसुपुर में यज्ञ कराने आये लक्ष्मी प्रपन्नाचार्य जीयर स्वामी ने लोगों को समझाकर बुझाकर इसे बन्द करने का आह्वान किया था। किन्तु गांव की सुख समृद्धि और खुशीहाली के लिए मान्यता के अनुसार दोनों गांव के लोगों के बीच बनी सहमति पर पुनरू इस परम्परा को निभाया गया। भीड़ को नियंत्रित करने और किसी अप्रिय घटना को रोकने के लिए सीओ अनिरुद्ध सिंह व बलुआ इंस्पेक्टर राजीव सिंह के नेतृत्व में भारी पुलिस बल मौके पर तैनात रहा।