चंदौली। 22 वर्षों से प्राथमिक शिक्षा की नींव को सशक्त बना रहे शिक्षामित्र सोमवार को एक बार फिर समान कार्य, समान वेतन की मांग को लेकर सड़क पर नजर आए और बिछियां स्थित धरनास्थल पर धरना दिया। इसके बाद शिक्षामित्रों का प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचा। जिलाध्यक्ष इंद्रजीत यादव अजीत की अगुवाई में शिक्षामित्रों ने डीएम ईशा दुहन को मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंपा। गुजारिश किया कि शिक्षामित्रों के मानदेय को महंगाई देखते हुए बढ़ाया जाए ताकि वे अपने पारिवारिक दायित्वों का निर्वहन कर सके। इस दौरान प्रांतीय मंत्री हेमंत मौर्य ने बताया कि शिक्षामित्र प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षा की कमान संभाले हुए हैं। बावजूद इसके उन्हें बतौर पारिश्रमिक अल्प मानदेय के रूप में 10 हजार रुपये दिया जाता है जो बढ़ती महंगाई को देखते हुए परिवार चलाने के लिए पर्याप्त नहीं है। मंडल अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह ने कहा कि शिक्षामित्रों को इसी मानदेय में बच्चों की पढ़ाई-लिखाई व दवाई के साथ ही बेटे.बेटियों की शादी की जिम्मेदारी निभानी पड़ रही है। इतना ही नहीं बूढ़े मां बाप की जिम्मेदारी व तीमारदारी भी हमारे ही कंधों पर ह्ै। ऐसे में शिक्षामित्र हर दिन आर्थिक समस्याओं से दो-चार हो रहे हैं। शिक्षामित्रों को सम्मानजनक मानदेय मिलना चाहिए जो उनका है। जिलाध्यक्ष इंद्रजीत यादव अजीत ने बताया कि पिछली सरकार ने शिक्षामित्रों का समायोजन का उन्हें सामाजिक व आर्थिक रूप से सम्मान देने का काम किया। लेकिन बाद में समायोजन को रद्द कर दिया गया जिससे शिक्षामित्रों को बड़ी क्षति पहुंची। कई साथी इस आघात को बर्दाश्त नहीं कर सके और अब वे हमारे बीच नहीं है। लिहाजा वर्तमान में शिक्षामित्रों की आर्थिक दिक्कतों को देखते हुए सरकार अध्यापकों की तरह सम्मानजनक मानदेय प्रदान करें। इसके अलावा शिक्षामित्रों का समायोजन कर नियमित किया जाए जिसके लिए शिक्षामित्रों की नियमावली में संशोधन किया जाए। इस अवसर पर रामप्रवेश, राजेश शास्त्री, संगीता सिंह, मनोज सिंह, रामकरन, संजय जैन, कैलाश यादव, श्याम दुलारी, सुनीता सिंह, अजीत तिवारी आदि उपस्थित रहे। संचालन राजेश सिंह ने किया।