चंदौली। लोक आस्था का महापर्व डाला छठ पर जनपद के विभिन्न तालाबों, सरोवरो, नदी, नहरों आदि पर व्रती महिलाओं ने अस्ताचलगामी सूर्य को पहला अघ्र्य दिया। इस दौरान विभिन्न स्थलों पर भारी भीड़ जुटी रही। वही भीड़ को नियंत्रित व यातायात को सुगम बनाने के लिए पुलिस मुस्तैद रही। छठ पर्व पर पहुंची जिलाधिकारी श्रीमती ईशा दुहन ने चंदौली स्थित सावजी का पोखरा व नगर पंचायत सैयदराजा पोखरा का भ्रमण कर डूबते सूर्य को अघ्र्य देने गयी। छठ व्रतियों से मिलकर हालचाल पूछा। कहा कोई असुविधा न हो जिला प्रशासन द्वारा इसका विशेष ध्यान रखा जा रहा हैं। उनसे व्यवस्थाओं के बारे में जाना। सभी को बधाई देते हुए कहा कि भगवान भास्कर की आभा और छठी मइया के आशीर्वाद से हर किसी का जीवन सदैव आलोकित रहे। यही कामना है। जिलाधिकारी ने अधिशासी अधिकारी को निर्देशित किया कि पेयजल, प्रकाश, साफ.सफाई, ट्रैफिक व्यवस्था दुरुस्त रखा जाय। जिलाधिकारी ने बताया कि छठ महापर्व को लेकर पुलिस. प्रशासन पूरी मुस्तैदी से अपनी जिम्मेदारी निभा रही हैं साथ ही जगह-जगह पर प्रशासन व पुलिस बल की तैनाती की गई है ताकि कोई दुर्घटना न हो इसके लिए विशेष सतर्कता बरती जा रही है। छठ पूजा उत्सव के मद्देनजर सभी घाटों को साफ कर दिया गया है रोशनी से जगमग कर दिया गया है। जिलाधिकारी ने लगे हुए मेडिकल टीम से स्वास्थ्य व उपलब्ध दवाओं के बारे में जानकारी ली। निरीक्षण के दौरान उप जिलाधिकारी सदर, अधिशासी अधिकारी नगर पंचायत चंदौली शिवकुमार, नगर पंचायत अध्यक्ष चंदौली व सैयदराजा सहित पुलिस व प्रशासन के अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे। मुगलसराय कार्यालय अनुसार नगर के दामोदरदास पोखरा, राम मंदिर, माल गोदाम पोखरा, मानस नगर स्थित मानसरोवर तालाब, अलीनगर स्थित रामजानकी पोखरा पर अघ्र्य देने के लिए व्रती पहुंचे। सरोवर में गन्ने का मंडप बनाया और धूप, दीप, फूल माला से पूजा अर्चना की। इसके बाद जल में उतरी और कमर भर पानी होने पर खड़े होकर भगवान भास्कर के अस्त होने का इंतजार किया। जैसे ही सूर्य ने रूप बदल कर लालिमा बिखेरी और अंधकार का असर हुआ वैैस ही लोगों ने जयकारे के साथ दूध जल आदि से अघ्र्य दिया। दामोदरदास पोखरा व मानसरोवर पर एनडीआरएफ की टीम तैनात रही। पड़ाव प्रतिनिधि के अनुसार छठ पर्व पर शाम होते ही गंगा के घाटों पर महिला श्रद्धालुओं का रेला उमड़ पड़ा। व्रती महिलाएं घुटने भर पानी में खड़ा होकर डूबते भगवान भास्कर को प्रथम अघ्र्य दिया। छठ व्रत रखने वाली महिलाएं रविवार सुबह से ही तैयारी में लग गईं। विविध प्रकार के पकवान बनाए गए। इसे एक बड़े पात्र में रखा गया। सुबह से ही निर्जल रहकर स्नानादि और श्रृंगार कर महिलाएं परिवार के लोगों के साथ छठ घाटों पर पहुंची। दीप प्रज्वलित कर छठ मईया की पूजा की गई। इसके बाद एक दीप गंगा मईया और एक दीप भगवान भास्कर को अर्पित किया गया। यह सब करने के बाद महिलाएं गंगा में कमर भर पानी में जाकर खड़ी हो गईं। भगवान भास्कर के डूबने पर उन्हें अघ्र्य दिया गया। बबुरी प्रतिनिधि के अनुसार क्षेत्र के विभिन्न छठ घाटों पर रविवार की शाम अस्ताचलगामी सूर्य को श्रद्धालुओं ने छठ का पहला अघ्र्य दिया। छठ घाटों पर श्रद्धालुओं का जत्था दोपहर से ही पहुंचने लगा था और शाम तक वहां श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही। कई लोगों ने घरों की छतों पर अस्थाई तालाब, तो कोई घर के बाहर हीं गड्ढा बनाकर अघ्र्य दिया। उल्लेखनीय है कि सूर्योपासना का महापर्व छठ कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष के चतुर्थी से सप्तमी तिथि तक मनाया जाता है। इस वर्ष छठ पर्व की शुरुआत शुक्रवार को नहाय.खाय के साथ हुई। चहनियां प्रतिनिधि के अनुसार छठ महापर्व पर्व पर रविवार की शाम बलुआ स्थित पश्चिम वाहिनीं गंगा तट सहित क्षेत्र के नदी व तालाबों पर आस्था उमड़ पड़ी। महिलाओं ने डूबते भगवान भास्कर सूर्य को अघ्र्य दिया। पुलिस की चुस्त दुरुस्त ब्यवस्था रही। एनडीआरएफ की टीम गंगा में चक्रमण करती रही। डाला छठ पर्व का हर वर्ष लोगों में आस्था बढ़ता जा रहा है। रविवार को बलुआ स्थित पश्चिम वाहिनीं गंगा तट सहित सोनबरसा, टांडाकला, हसनपुर तीरगांवा, नादी निधौरा, सहेपुर, सराय राम घाट, महुअरिया, कांवर, सैफपुर गंगा घाटों व गांवो के सरोवरों तालाबो पर छठ का पर्व धूमधाम से मनाया गया। ब्रती महिलाओं ने डूबते सूर्य को अघ्र्य दिया। दर्जनों लोग गाजे बाजे व डीजे बजाते हुए गंगा तट पर पहुंचे । कुछ महिलायें दण्डवत होकर घाट पर पहुंची। बलुआ घाट पर हजारों की भीड़ को कंट्रोल करने के लिए उपजिलाधिकारी मनोज पाठक, क्षेत्राधिकारी राजेश राय, खण्ड बिकास अधिकारी शशिकान्त पाण्डेय, बलुआ इंस्पेक्टर राजीव कुमार सिंह भारी फोर्स के साथ बलुआ घाट पर तैनात रहे । सकलडीहा प्रतिनिधि के अनुसार भगवान सूर्य उपासना का महापर्व एक पवित्र व त्याग और तपस्या से जुड़ी लोक आस्था का पर्व माना जाता है। रविवार को डूबते हुए भगवान भाष्कर के अघ्र्य देकर पूजा अर्चना किया। इस दौरान सकलडीहा कस्बा के प्राचीन शिव सरोवर और कॉलेश्वर सरोवर सहित दर्जनों गांव में आस्थावानों का भीड उमड़ पड़ा था। सुरक्षा की दृष्टि से तहसील और पुलिस प्रशासन के लोग मुस्तैद रहे। सूर्य उपासना पर्व पर सकलडीहा सरोवर, कॉलेश्वर सरोवर, ईटवा, दुर्गापुर, खड़ेहरा, बहरवानी, धरहरा, घरचित, दरियापुर, बथावर सहित अमृत सरोवरों पर व्रती महिलाओं ने भगवान भाष्कर को अघ्र्य देकर सूर्य उपासना के पर्व पर पूजा अर्चना किया। वही व्रती महिलाओं की तपस्या को लेकर पूरी रात देवी जागरण और नि:शुल्क कॉफी टी स्टाल का कार्यक्रम समाजसेवी और ग्राम प्रधानों द्वारा किया गया था। इस मौके पर एसडीएम मनोज पाठक, सीओ राजेश कुमार राय, बीडीओ अरूण पांडेय कोतवाल विनोद मिश्रा, ग्राम प्रधान मंजू वर्मा, राजेश सेठ, अशोक कुमार, गुलाब मौर्या, अरविंद यादव, सुरेश यादव, अमरनाथ खरवार सहित अन्य लोग मौजूद रहे। चकिया प्रतिनिधि के अनुसार महापर्व डाला छठ पर स्थानी नगर सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों तथा सुदूरवर्ती क्षेत्रों से लोग आस्था के प्रतीक महापर्व डाला छठ पर सूर्य उपासना करने के लिए नगर स्थित मां काली मंदिर परिसर स्थित पोखरे पर आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। पोखरे के मुख्य द्वार भूले भटके को राह दिखाने के लिए तमाम समितियों द्वारा सहायतार्थ शिविर लगाया गया था वही नगर पंचायत के कर्मचारी गण तथा तहसील प्रशासन के कर्मचारी गण भी मुस्तैदी से तैनात रहे। इसके अलावा पुलिस व पीएससी, महिला कांस्टेबल की टुकड़ी बराबर चक्रमण करती नजर आई। युगांधर सेवा समिति व मां काली सेवा समिति द्वारा शिविर लगाकर व्रती महिलाओं सहित साथ आए लोगों की आव भगत व पेयजल, चाय की व्यवस्था में तल्लीन दिखे। सूर्यास्त के पूर्व भारी भीड़ जमा हो गई। सरोवर में गोताखोर नाव पर बराबर चक्रमण करते रहे। इसके पूर्व व्रती महिलाओं ने सरोवर तट पर विधि विधान से छठ पूजन कर अस्ताचलगामी सूर्य को नमन किया। परिजनों ने अर्घ दिया और छठ गीत गाती हुई समूह में महिलाएं देर शाम को घरों को प्रस्थान की। दूरदराज से आई व्रती महिलाओं व परिजनों के लिए छठ पूजा समिति द्वारा स्थापित शिविर में ठहराव कर आगे की कार्य में जुट गई। धीना प्रतिनिधि के अनुसार थाना धीना अन्तर्गत क्षेत्र के विभिन्न गांवों रैथा सबल जलालपुर बरडीहा, इमलिया, कंदवा, अमड़ा गोरखा, नूरी, पीपरदाहा, सिकठा खजरा आदि दर्जनों गांवों में छठ घाटों पर रविवार की शाम को अस्ताचलगामी सूर्य को श्रद्धालुओ ने छठ का पहला अघ्र्य दिया। इस वर्ष छठ पर्व की शुरूवात शुक्रवार को नहाय खाय के साथ हुई शनिवार को ब्रतियो ने खरना का प्रसाद ग्रहण किया। भगवान सूर्य सम्पूर्ण शक्ति के रूप में है और एक मात्र ऐसे देवता है जो प्रत्यक्ष रूप में दिखाई देते हैं। इस पर्व में कोई भी भेदभाव नहीं रहता है सभी समाज के लोग एक साथ पोखरे के घाटों पर एक साथ पूजा अर्चना करते हैं और पूरी आस्था के साथ प्रसाद का ग्रहण करते हैं। इसी क्रम में ग्राम सभा खाझरा में ग्राम प्रधान दीना बिंद द्वारा ब्रती महिलाओं के लिए अगहर बीर बहुरिया नदी पर साफ सफाई तथा जनरेटर द्वारा प्रकाश की व्यवस्था तथा महिलाओं को कपड़े बदलने की व्यवस्था की गई है जिससे महिलाओं के लिए किसी भी प्रकार की असुविधा न हो ग्राम प्रधान द्वारा मुकम्मल व्यवस्था किया गया है।