माना जा रहा है कि वह वहां के स्कूलों को देखकर उससे जुड़ी व्यवस्था पीएम-श्री स्कूलों में भी लागू कर सकते हैं। स्कूली शिक्षा से जुड़े कई अधिकारी प्रधान के दौरे में शामिल हैं। प्रधान ने शनिवार को ऑस्ट्रेलिया रवाना होने से पहले एक बयान जारी कर यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि भारत के शिक्षा क्षेत्र में सुधार को लेकर उठाए गए कदमों से भारत-ऑस्ट्रेलिया द्विपक्षीय संबंधों में नया उत्साह पैदा हुआ है। दोनों पक्ष ज्ञान अर्थव्यवस्था को आपसी सहयोग के जरिए मजबूती देकर एक नया अवसर पैदा करना चाहते है।
ऑस्ट्रेलिया के स्कूलों और विश्विधालयों को भी देखेंगे शिक्षा मंत्री
उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह दौरा इस उद्देश्य की एकता को गति देगा, अंतरराष्ट्रीय ज्ञान सेतुओं के निर्माण में मदद करेगा, सीखने, कौशल,अनुसंधान, नवाचार और उद्यमिता से जुडे सभी क्षेत्रों में सभी स्तरों पर हमारे जुड़ाव को और व्यापक बनाएगा। शिक्षा मंत्री अपने चार दिवसीय प्रवास के दौरान वहां के अपने समकक्ष के साथ ही चर्चा के साथ ही वहां के स्कूलों और प्रमुख विश्वविद्यालयों को भी देखेंगे।
बता दें कि केंद्रीय शिक्षा और कौशल विकास मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कुछ दिनों पहले नागरिकों से देश के लिए एक नया पाठ्यक्रम विकसित करने के लिए ‘राष्ट्रीय पाठ्यचर्या ढांचे के लिए नागरिक सर्वेक्षण’ में भाग लेने का आग्रह किया। मंत्री ने ट्विटर पर लिखा और कहा, “राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के अनुरूप एक गतिशील राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य को प्राप्त करने में एक प्रमुख भूमिका निभाएगी। “एक जीवंत, गतिशील, समावेशी और भविष्यवादी राष्ट्र का विकास वैश्विक दृष्टिकोण के साथ सांस्कृतिक जड़ता को एकीकृत करने, शिक्षा को औपनिवेशिक हैंगओवर से मुक्त करने और हमारी अगली पीढ़ियों में गर्व की गहरी भावना पैदा करने के लिए पाठ्यचर्या की रूपरेखा आवश्यक है।