जॉर्जटाउन। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चौथी इंडिया-कैरिकॉम बैठक में भाग लिया। उन्होंने इस बैठक की सह-अध्यक्षता भी की। उन्होंने इस बैठक में जलवायु परिवर्तन के बीच रिन्यूएबल एनर्जी के क्षेत्र में “सामूहिक हित” की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने भाषण देते हुए कहा कि ऊर्जा, रिन्यूएबल एनर्जी विशेष रूप से हमारा सामूहिक हित है।
भारत में होगा ट्रेडिशनल मेडिसिन सेंटर का निर्माण
विदेश मंत्री ने कहा आप में से कई अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन के सदस्य हैं। मुझे लगता है कि कैरिकॉम से 13 सदस्य हैं। उन्होंने कहा कि रिन्यूएबल एनर्जी हमारा सामूहिक प्रयास है। कैपेसिटी बिल्डिंग में हम उन क्षेत्रों में कार्यक्रमों को अनुकूलित करने के लिए तैयार हैं जो कैरिकॉम यूजर्स के लिए समर्पित हैं। डब्ल्यूएचओ ने पहले ट्रेडिशनल मेडिसिन सेंटर के भारत में निर्माण की स्वीकृति दी है। यहां हम दुनिया के हर हिस्से से पारंपरिक प्रथाओं के अनुसरण का स्वागत करते हैं।
वैश्विक समस्याओं पर भी विदेश मंत्री ने की बात
चौथी इंडिया-कैरिकॉम बैठक में विदेश मंत्री ने वैश्विक समस्याओं पर भी ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने कहा कि हमें वास्तव में वैश्विक समस्याओं की ओर ध्यान केंद्रीत करना चाहिए। इसके लिए यह भी देखना चाहिए कि हम एक साथ कैसे समाधान ढूंढ सकते हैं। जयशंकर ने कहा कि हम कैपेसिटी बिल्डिंग, डेवलपमेंट कॉरपोरेशन, हेल्थ और डिजास्टर मैनेजमेंट पर फोकस कर रहे हैं। हम छोटे और मध्यम उद्यम में ग्रांट आधार पर सहायता करने के लिए तैयार हैं।
23 परियोजनाओं पर बनी सहमति
जयशंकर शुक्रवार को गुयाना पहुंचे थे। गुयाना में विदेश मामलों और अंतरराष्ट्रीय सहयोग मंत्री ह्यूग टॉड ने उनका स्वागत किया था। गुयाना की यह यात्रा विदेश मंत्री की पहली यात्रा है। विदेश मंत्री ने बैठक में भाग लेने के लिए कैरिकॉम नेताओं के प्रयास की सराहना की और उन्हें आश्वासन दिया कि “यह हमें एक बहुत ही महत्वपूर्ण मोड़ पर यह देखने का मौका देगा कि हम अपने संबंधों को बड़े उद्देश्य के साथ कैसे देखते हैं।” उन्होंने पिछले चार वर्षों में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और कैरिकॉम नेताओं के बीच बैठक पर भी प्रकाश डाला। पीएम की बैठक से 23 परियोजनाओं पर सहमति बनी वहीं इनमें 10 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं।