चंडीगढ़। मुख्यमंत्री भगवंत मान जर्मनी से लौट आए हैं, लेकिन उनके एक दिन बाद लौटने को लेकर विपक्षी पार्टियों ने उन्हें घेरा है और जवाब मांगा है। शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल, सीनियर नेता बिक्रम सिंह मजीठिया, कांग्रेस के प्रताप सिंह बाजवा, सुखपाल सिंह खैहरा आदि ने उनसे स्थिति को स्पष्ट करने को कहा है कि वह एक दिन देरी से क्यों लौटे?
सुखबीर बादल ने एक ट्वीट करते हुए कहा कि जर्मनी दौरे पर गए मुख्यमंत्री भगवंत मान को लुसियाना फ्लाइट से उतार दिया गया। बादल ने कहा कि यह मामला बेहद परेशान करने वाला है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इतनी पी रखी थी कि उनसे ठीक से चला भी नहीं जा रहा था।
एक सह-यात्री के ट्वीट के हवाले से सुखबीर ने कहा कि इस तरह की रिपोर्टों ने पूरी दुनिया में पंजाबियों को न केवल परेशान किया है साथ ही उन्हें शर्मसार भी किया है। उन्होंने कहा कि हैरानी है कि मुख्यमंत्री की इन रिपोर्ट पर आम आदमी पार्टी और सरकार चुप है।
उन्होंने अरविंद केजरीवाल से इस पर स्थिति साफ करने को कहा। उन्होंने भारत सरकार से भी इस मामले में हस्तक्षेप करने को कहा, क्योंकि इसमें पंजाबियों और देश के गौरव का सवाल है। उन्होंने कहा कि यदि जर्मन एयर कंपनी ने ऐसा किया है तो सरकार को इसको लेकर जर्मन सरकार से बात करनी चाहिए।
पंजाब के नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने कहा है कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान को जर्मनी में जिस हालात में फ्लाइट से उतारा गया है उसे देखते हुए मुख्यमंत्री को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देना चाहिए। नेता विपक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान को जिस हालात में जर्मन में फ्लाइट से उतारा गया है उससे उन्होंने देश का सिर शर्म से नीचा कर दिया है।
बाजवा ने कहा कि मुख्यमंत्री को नैतिकता के आधार पर अपना पद छोड़ देना चाहिए। यह घटना आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल के लिए भी फैसले लेने की खड़ी है कि अब तक अन्ना हजारे मूवमेंट के जरिए जिन सिद्धांतों पर चलने की वह बात करते रहे हैं उस पर कायम रहेंगे या सिर्फ यह बातें करने के लिए ही हैं। बिक्रम मजीठिया और सुखपाल खैहरा ने भी आम आदमी पार्टी से मुख्यमंत्री से स्पष्टीकरण मांगने को कहा है।