गेहूं की फ़सल भी जली, लाखों का हुआ नुकसान
जहानाबाद। जैसे-जैसे गर्मी तेज हो रही है, वैसे-वैसे जिले में अगलगी की घटनाओं में भी तेजी से वृद्धि होती जा रही है। सोमवार को जिले के भेलावर ओपी क्षेत्र के नौरू टोला कोठियां गांव में बिजली के शॉट सर्किट से निकली चिंगारी से पांच घर जलकर राख हो गए। घर मे रखे कपड़ा,अनाज समेत लाखों रुपये की सामान जलकर राख हो गया। घटना के संबंध में पीड़ित परिवार ने बताया कि घर के सभी सदस्य छठ पर्व करने घर से बाहर गए हुए थे। दोपहर में अचानक घर में बिजली के तार शार्ट करने से उठी चिंगारी में बुरी तरह आग लग गई।
आग लगने से गांव में अफ़रा तफ़री का माहौल मच गया और बिजली के तार के भय से लोग आग पर काबू पाने के लिए तत्परता तो दिखाई परन्तु आग की लपट तेज होने कारण पांच घर जलकर राख हो गए। इस आग में अजीत कुमार के अलावे उनके अन्य चार भाइयों का घर जलकर बुरी तरह राख हो गया। इस दौरान अजीत कुमार की एक मवेशी भी जिंदा जलकर मर गया। इस आगलगी की घटना में पांच परिवारों के कपड़ा, अनाज, मकान, नगदी समेत तकरीबन पांच लाख की क्षति होने का अनुमान लगाया जा रहा है। ग्रामीणों ने काफ़ी मशक्कत के बाद मोटर पम्प के सहारे आग पर काबू पाया।
इधर भेलावर ओपी क्षेत्र के ही बढोना गांव में हुई अगलगी की घटना में लाखों रुपए मूल्य की संपत्ति जलकर खाक हो गई। घटना के संबंध में मिली जानकारी के अनुसार सोमवार की दोपहर ट्रांसफ़ार्मर से निकली चिंगारी से गांव के किसान भोला सिंह, विनोद बिंद, चंद्रदेव बिंद, मोहन मिस्त्री के खलिहान में आग लग गई जिससे खलिहान में रखे नेवारी के पुंज तथा सैकड़ों बोझा गेहूं का फ़सल जलकर खाक हो गई।
जैसे ही ग्रामीणों ने खलिहान से आग की लपटें उठते देखें हो हल्ला मचाया तथा अपने स्तर से आग पर काबू पाने का प्रयास किया। वहीं इसकी सूचना भेलाबर ओपी को दी गयी। सूचना पाकर दमकल की गाड़ी के साथ पहुचे ओपीधयक्ष ने काफ़ी मस्कत के बाद आग पर काबू पाया। हालांकि जब तक आग पर काबू पाया जाता तब तक किसानों के खलीहान में रखे निवारी के पिंज तथा सैकड़ो बोझा गेहूं का फ़सल जलकर खाक हो गया।
वहीं हुलासगंज प्रखण्ड क्षेत्र अंतर्गत कोकरसा गांव में किसान सरोज सिंह का खेत में आग लगने से आठ कट्ठा में लगे गेहूं का फ़सल जलकर राख हो गया। ग्रामीणों के अनुसार गेहूं के खेत से एकाएक आग की लपटे उठने देख हो हल्ला करने पर ग्रामीण जुटे और आग बुझाने का प्रयास करने लगे। परन्तु हवा तेज होने के कारण आग तेजी से खेत में फ़ैल गई। आग पर जबतक काबू पाया गया, तब तक फ़सल जलकर राख हो गई।