नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में हिंदू महिलाओं के साथ हुए यौन उत्पीड़न के मामले ने तूल पकड़ लिया है। इसको लेकर बीजेपी तो ममता सरकार पर निशाना साध ही रही है, साथ ही कांग्रेस भी अब फ्रंटफुट पर आ गई है। कांग्रेस ने प्रदर्शन भी किया है।
धरने पर बैठे कांग्रेस नेता
कांग्रेस भी इसको लेकर ममता सरकार का पुरजोर विरोध कर रही है। शुक्रवार सुबह कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी समेत कांग्रेस के कई नेता संदेशखाली जा रहे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया। पुलिस की कार्रवाई से नाराज अधीर रंजन धरने पर बैठ गए हैं। कांग्रेस नेता रामपुर में धरने पर बैठे। कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच धक्का-मुक्की भी हुई।
कांग्रेस नेता ने कहा कि हम ये जानना चाहते हैं कि संदेशखाली की असली घटना क्या है? वास्तव में वहां क्या हुआ कि लोगों को वहां जाने से रोका जा रहा है? संदेशखाली मामले को हिंदू-मुस्लिम सांप्रदायिक घटना के रूप में दिखाने की कोशिश हो रही है। ममता बहुत चतुराई से इसे बढ़ावा देने की कोशिश कर रही हैं। विधानसभा में कल उनके भाषण में ये स्पष्ट है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को जवाब देना होगा। शाहजहां और उनके समर्थक सभी तृणमूल कांग्रेस के प्रोडक्ट हैं।
बीजेपी नेता भी नहीं पहुंच सके संदेशखाली
उधर, बीजेपी सांसदों के केंद्रीय दल को संदेशखाली का दौरा करने से रोक दिया गया। रामपुर गांव में रोके जाने के बाद बीजेपी का छह सदस्यीय दल धरने पर बैठ गया। केंद्रीय मंत्री अन्नापूर्णा देवी ने कहा कि पुलिस निषेधाज्ञा का हवाला दे रही है। हमने कहा कि केवल चार लोग जाएंगे, लेकिन हमें अनुमति नहीं दी गई। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पुलिस दोषियों को बचाने की कोशिश कर रही है।
अठावले ने की दोषियों को फांसी देने की मांग
केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने दोषियों के लिए फांसी की सजा की मांग की है। उन्होंने कहा कि संदेशखाली में जो अत्याचार हुआ है, इसकी जांच होनी चाहिए। इसके लिए TMC सरकार जिम्मेदार है, उन्हें सतर्क रहने की आवश्यकता थी। इसे RSS से जोड़ना ठीक नहीं है। आरोपियों को फांसी की सजा मिलनी चाहिए।