रोज मजदूरी कर जीवन यापन करने वाले वेण्डर भुखमरी के कगारपर
लगभग चार माह के बाद भी फल ठेकेदार और वेंडर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस बीच विवाद में एक नया मोड़ रेट लिस्ट को लेकर आ गया है। जिसके चलते विगत इस दिनों से प्लेटफार्म पर फलों की दुकानें नहीं लग रही है। जिससे आम यात्री फलो के सेवन से वंचित रह जा रहे है। इस कोरोना काल में जहां बाजार में बिकने वाली हर खाद्य सामग्री के सेवन के लिए लोगों को सोचना पड़ता है वहीं एक फल् ही ऐसा आहार हैं, जिसके सेवन से संक्रमण का खतरा न के बराबर रहता है। यात्री भी इसको भली भांति जानते हैं। कैण्ट स्टेशन से गुजरने वाली ट्रेनों के यात्री फलों के लिए इधर उधर भटकते रहते है मगर उन्हें निराशा ही हाथ लगती है।
स्थानीय अधिकारियों की ओर से ठेकेदार को निर्देश जारी किया जा चुका है कि वे वेंडरों को फलों का रेट लिस्ट उपलब्ध करायें। वेंडरों को भी हिदायत दी गयी है कि वे बिना रेट लिस्ट के दुकान न लगायें, नहीं तो चालान कर दिया जायेगा। इस डर से वेंडर स्टेशन पर दुकान नहीं लगा रहे है। निर्देश के बावजूद ठेकेदार द्वारा रेट लिस्टर उपलब्ध न करना, उसकी प्रशासन पर मजबूत पकड़ की ओर ही इशारा करता है। प्रशासन और ठेकेदार के कथित इस गठजोड़ में रोज मजदूरी कर जीवन यापन करने वाले वेंडर भुखमरी की ओर अग्रसर होने को मजबूर है। इस संबंध में मंडल रेल प्रबंधक उत्तर रेलवे, लखनऊ संजय त्रिपाठी ने बताया कि इस मामले की जानकारी ली जा रही है। उपलब्ध जानकारी के अनुसार काररवाई भी की जा रही है।
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