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डिजिटल इंडिया एक्ट से हटेगा ‘सेफ हार्बर’ नियम! सोशल मीडिया पर गलत पोस्ट के लिए प्लेटफॉर्म भी बनेगा उत्तरदायी


बेंगलुरू, केंद्र सरकार ने डिजिटल इंडिया एक्ट 2023 की औपचारिक रूपरेखा पेश कर दी है। सरकार इंटरनेट मध्यस्थ के तौर पर काम करने वाले किसी भी थर्ड पार्टी को उनकी वेबसाइट पर की गई पोस्ट के लिए उत्तरदायी बनाने पर काम कर रही है। सरकार जल्द ही ‘सेफ हार्बर’ नियम को हटाने पर विचार कर रही है। इसके लिए सरकार डिजिटल इंडिया बिल लाकर कानूनों को बदलने जा रही है।

सेफ हार्बर की अब जरूरत नहीं- राजीव चंद्रशेखर

इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि सेफ हार्बर के पीछे तर्क यह था कि इंटरनेट प्लेटफॉर्म के पास कोई अन्य उपभोक्ता द्वारा बनाई गई सामग्री पर कोई शक्ति या नियंत्रण नहीं है। इसलिए उसे इस नियम के तहत सुरक्षा प्रदान की गई थी, लेकिन अब ऐसा नहीं है।

सेफ हार्बर नियम यह है…

सेफ हार्बर नियम इंटरनेट मध्यस्थों को प्लेटफॉर्म पर उपयोगकर्ताओं द्वारा साझा की गई सामग्री के खिलाफ कानूनी सुरक्षा प्रदान करता है। यह पुराने आईटी अधिनियम, 2000 का हिस्सा था। डिजिटल इंडिया एक्ट पर हितधारकों के साथ परामर्श के दौरान मंत्री ने कहा कि कानून एक सिद्धांत-आधारित नियम होने चाहिए, जो बहुत अच्छे सिद्धांतों के साथ एक ढांचा प्रदान करता है, जिसका उपयोग भविष्य में अन्य नियमों को विकसित करने के लिए किया जा सकता है।

डिजिटल इंडिया बिल मजबूत ढांचा देगा

प्रस्तावित डिजिटल इंडिया बिल का उद्देश्य मौजूदा आईटी अधिनियम, 2000 को बदलना और भारत के ‘टेकडे’ के लिए एक मजबूत ढांचा प्रदान करना है। मंत्री ने कहा कि मौलिक भाषण अधिकारों का किसी भी मंच से उल्लंघन नहीं किया जा सकता है। नए आईटी नियम, 2021 में पहले के एक संशोधन में कहा गया था कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को उपयोगकर्ताओं के मुक्त भाषण अधिकारों का सम्मान करना चाहिए।

साइबर अपराधों पर लगाम की कोशिश

मंत्री ने बताया कि डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल का मसौदा व्यापक डिजिटल इंडिया अधिनियम के तहत पहलों में से एक होगा। इसके तहत अन्य राष्ट्रीय डेटा शासन नीति, साइबर अपराधों और डीआईए नियमों से संबंधित भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) में संशोधन होगा।