इस बीच देश की राजधानी दिल्ली, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बारिश नहीं होने के पीछे पाकिस्तान का कनेक्शन भी सामने आया है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक, उत्तरी पाकिस्तान में अचानक ही कम दबाव का क्षेत्र बन जाने के चलते हवाओं का रुख बदल गया।
दरअसल, उत्तरी पाकिस्तान में तापमान ज्यादा और नमी कम होने से हवाओं के कम दबाव का क्षेत्र बन गया। यह राजस्थान के साइक्लोनिक एरिया से ज्यादा प्रभावी रहा।
ऐसे में अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से आने वाली नम हवाएं पाकिस्तान की ओर चली गईं और वहां पर जमकर बरसीं। वहीं बंगाल की खाड़ी से उत्तराखंड होकर आने वाली नमी हवाएं दिल्ली-एनसीआर तक नहीं पहुंच पाई।
बताया बारिश न होने का कारण
विशेषज्ञों ने शुष्क मौसम के लिए मानसून की अक्षीय रेखा के मध्य भारत की ओर बढ़ने के लिए जिम्मेदार ठहराया, जो ओडिशा पर एक कम दबाव वाला क्षेत्र विकसित होने के कारण बाद में गुजरात की ओर बढ़ रहा रहा था।
स्काईमेट वेदर के उपाध्यक्ष (मौसम विज्ञान और जलवायु परिवर्तन) महेश पलावत ने कहा कि कम दबाव के क्षेत्र ने ट्रफ रेखा को मध्य भारत की ओर खींच लिया था, जिससे वहां भारी वर्षा हुई।
चक्रवाती परिसंचरण के विकास के कारण नहीं हुई बारिश
मगर पिछले 24 घंटों में दक्षिण-पश्चिम राजस्थान और दक्षिण पाकिस्तान के आसपास के हिस्सों पर एक चक्रवाती परिसंचरण के विकास ने ऐसा नहीं होने दिया। मानसून ट्रफ दिल्ली और आसपास के इलाकों के पास आती है। यह अभी भी दिल्ली के दक्षिण में अटकी हुई है और बीकानेर और कोटा से होकर गुजरती है।