नई दिल्ली,। दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग ने पुराने डीजल और पेट्रोल वाहनों को इलेक्टि्रक किट से ई-वाहनों में बदलने वाले केंद्रों के लिए पंजीकरण प्रक्रिया शुरू कर दी है। इलेक्टि्रक किट के लिए 10 निर्माताओं को सूचीबद्ध किया गया हैं।दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि उन्हें किट निर्माता या आपूर्तिकर्ता के पास प्रशिक्षित तकनीशियन होने चाहिए। उन्हें तकनीशियनों को व्यापक प्रशिक्षण देना चाहिए।
इलेक्टि्रक किट के साथ स्थापित वाहनों का रिकार्ड कंपनी द्वारा बनाए रखा जाना चाहिए और जब भी आवश्यक हो, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय को उपलब्ध कराया जाना चाहिए। परिवहन विभाग द्वारा पैनल में शामिल किए गए रेट्रोफिटर्स को इंटरनेशनल सेंटर फॉर आटोमोटिव टेक्नोलॉजी (आईसीएटी) द्वारा अनुमोदित किया गया है। शहर में करीब पौने दो लाख डीजल वाहन हैं, जिन्होंने 10 साल पूरे कर लिए हैं। 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहनों की संख्या 28 लाख से अधिक है। आटोमोबाइल विशेषज्ञों ने कहा कि पुरानी डीजल और पेट्रोल कारों व चार पहिया वाहनों की रेट्रोफिटिंग में बैटरी क्षमता और रेंज के आधार पर 3-5 लाख रुपये का खर्च आता है।
इससे पहले दिल्ली परिवहन विभाग साल 2021 से अब तक ऐसे कुल 3299 वाहन जब्त कर चुका है। इसमें भी 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों की संख्या अधिक है। इस श्रेणी के कुल 3120 वाहन जब्त किए गए हैं, जबकि 10 साल पुराने 179 वाहन जब्त किए गए। आंकड़ों पर नजर डालें तो सबसे अधिक वाहन गत दिसंबर में जब्त किए गए। जिनकी संख्या 1377 है। इसमें 1372 वाहन 15 साल पुराने हैं। इसी तरह नवंबर में 854 वाहन जब्त किए गए। इसमें 834 वाहन 15 साल पुराने हैं।