नई दिल्ली, । लोगो की लापरवाही कभी-कभी उनकी जान पर भी बन आती है। इस साल 1 जनवरी से लेकर 27 अक्टूबर तक दिल्ली में रेलवे लाइन पार करने के दौरान हुई मौतों में 17 प्रतिशत का इजाफा हुआ है, जो कि पिछले साल के मुकाबले ज्यादा है। दिल्ली पुलीस के अनुसार राजधानी के कई इलाकों में रेलवे लाइन पार करने के दौरान इस साल 560 लोगों की मौतें हुई है।
तीन युवकों की रेलवे लाइन पार करते समय हुई मौत
बता दें कि पिछले सोमवार को चार युवक दिल्ली के बादली क्षेत्र की रेलवे लाइन को पार कर रहे थे, जिसमें से तीन युवकों की लाइन को पार करते समय मौत हो गई। दरअसल लोग अपना समय बचाने के लिए इन रेलवे की पटरीयों से गुजरते हैं, लेकिन कई बार अपना समय बचाने के चक्कर में अपनी जान भी गंवा देते है और ऐसे ही रोजाना सैकड़ों लोग अपनी जान से हाथ धो बैठते हैं।
आंकड़ों में ज्यादातर श्रमिक पाए गए
उत्तरी रेलवे के डीएसपी हरीश में बताया कि रेलवे लाइन पार करते समय हुई मौतों में ज्यादातर श्रमिक (लेबर) पाए गए हैं। उन्होनें बताया कि यह लोग जल्दी पहुंचने के लिए रेलवे लाईन का उपयोग करते हैं और इन हादसों का शिकार होते हैं। वहीं उनका कहना यह भी है कि कुछ लोग लंबे रास्ते से न जाना पड़े इसलिए इन छोटे रास्तों का उपयोग करते हैं। हालांकि, रेलवे ट्रैक पार करने वालों के वजह से इस तरह की घटनाएं नियमित तौर पर होने लगी हैं।
समय-समय पर लोगों को जाकर अवगत कराया जाता है
एक अन्य रेलवे अधिकारी ने बताया कि रेलवे ट्रैक पर कोई फेंसिंग नहीं होती है और कई जगहों की दीवारें भी टूटी हूइ होती है, जिसे लोग पार करते हैं। उन्होनें बताया कि हमारी टीम समय-समय पर लोगों के घरों में जाकर सुरक्षा संबधी बातें बताती रहती है। उनकी टीम झुग्गी-झोपड़ीयों वाले इलाके में जाकर लोगों को रेलवे लाइन न क्रास करने की सलाह देती है। उन्होनें बताया कि इनमें से कुछ लोग सुनते हैं और रेलवे ट्रैक का इस्तेमाल नहीं करते।