प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को गैंगस्टर विकास दुबे की 10 करोड़ से ज्यादा रुपये की बेनामी संपत्ति जब्त कर ली। इसे उसने अपने रिश्तेदारों व सहयोगियों के नाम पर खरीदा था। ये संपत्तियां कानपुर और आसपास के इलाकों में स्थित हैं। तलाशी अभियान के दौरान ईडी को दुबे की 28 से अधिक अवैध संपत्तियां मिली थीं। दुबे अपनी पत्नी ऋचा दुबे, रिश्तेदारों समेत जयकांत व उनके रिश्तेदारों के नाम पर जमीन पर कब्जा करता था। विकास दुबे तीन जुलाई 2020 के बिकरू नरसंहार का मुख्य आरोपी था। इसमें उसके घर पर छापा मारने गए आठ पुलिसकर्मियों की उसने और उसके सहयोगियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। घटना के एक हफ्ते के भीतर विकास दुबे और उसके गिरोह के पांच सदस्य पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारे गए। ईसीआईआर दर्ज करने के बाद ईडी ने संदिग्ध व्यक्तियों द्वारा अर्जित अवैध लाभ से संपत्ति खरीदने आदि के अपराध में शामिल व्यक्तियों की पहचान करने के लिए पीएमएलए-2002 के तहत आगे की जांच शुरू की। प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट-2002 के तहत जांच के दौरान 10.12 करोड़ रुपये की सम्पत्ति की पहचान व सत्यापन किया गया। इसमें विकास दुबे, उनके परिवार के सदस्य, जयकांत बाजपेयी व उनके परिवार के सदस्य समेत अन्य सहयोगियों की आपराधिक गतिविधियों द्वारा अर्जित अपराध की आय से अर्जित सम्पत्तियां शामिल हैं। विकास दुबे संगठित अपराध, भू माफिया, भ्रष्टाचार और सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) आदि के लिए धन के गबन आदि में शामिल था। ईडी ने अपनी जांच में पाया कि ये व्यक्ति मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध में लिप्त थे और उन्होंने अचल संपत्तियों में अपराध की आय का निवेश किया था। इस मामले की आगे भी जांच की जा रही है।