लालकिला विस्फोट मामलेमें सनसनीखेज खुलासा
नयी दिल्ली (आससे)। लाल किला कार धमाके को लेकर अब नए खुलासे हो रहे हैं। पुलिस और एनआईए की जांच में पता चला है कि जैश आतंकियों ने दिल्ली एनसीआर के शहरों में भारी तबाही मचाने की साजिश रची थी। आतंकी बीते 26 जनवरी को लाल किला व त्योहारों के दौरान प्रमुख बाजारों में सिलसिलेवार धमाका करना चाहते थे, लेकिन तैयारियां पूरी न होने के कारण इन्होंने अपने टारगेट को रद्द कर दिया था। लाल किले कि घटना के तीसरे दिन अब यह बिलकुल साफ हो गया है कि यह एक आतंकी हमला था और इसके तार फरीदाबाद, उत्तर प्रदेश, जम्मू कश्मीर और गुजरात से जुड़े हैं। जांच एजेंसियों की जांच में पता चला है कि आतंकी 200 आईईडी से 26/11 जैसा हमला करने वाले थे। आतंकी मॉड्यूल का संबंध पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद संगठन से बताया जा रहा है। मिली जानकारी के मुताबिक, आतंकियों ने मुख्य रूप से दिल्ली, गुरुग्राम और फरीदाबाद को हमले के लिए चुना था। इन लोगों ने विशेष रूप से दिल्ली के लाल किला, इंडिया गेट, कॉन्स्टिट्यूशन क्लब और गौरी शंकर मंदिर जैसे प्रमुख स्थलों को चुना था। इसके अलावा, देशभर के रेलवे स्टेशनों और बड़े मॉल्स भी हमले की योजना थी। जांच एजेंसियों का कहना है कि आतंकियों का उद्देश्य धार्मिक स्थलों पर हमला कर देश में सांप्रदायिक तनाव फैलाना था। इसके लिए उन्होंने कश्मीर के पुलवामा, शोपियां और अनंतनाग के कुछ डॉक्टरों को चुना, ताकि वे बिना किसी रोक-टोक के कहीं पर भी जा सकें। जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि लाल किला के बाहर बीते जनवरी के पहले हफ्ते में रेकी की गई थी। डॉ. उमर नबी ने अपने साथी डॉ. मुजम्मिल के साथ मिलकर लाल किले की रेकी की थी। उसके बाद उन्होंने 26 जनवरी के दिन वहां धमाका करने की योजना बनाई थी। डॉ. मुजम्मिल से पूछताछ के बाद उसके व डॉ. उमर के मोबाइल फोन के लाल किला के पास डंप डेटा उठाने से इसकी जानकारी मिली है।
सूत्रों के अनुसार, कार ने किसी टारगेट को टक्कर नहीं मारी, न किसी इमारत में घुसी। इससे यह निष्कर्ष निकाला जा रहा है कि यह आत्मघाती हमला नहीं था। उमर विस्फोट में मारा जा चुका है। पुलिस ने उसकी मां का डीएनए सैंपल लिया है, ताकि धमाके के अवशेष में मिले शव के टुकड़ों की पहचान हो सके। बता दें कि दिल्ली पुलिस ने अपनी रिपोर्ट गृह मंत्रालय को सौंप दी है। जांच में यह भी पता चला है कि जिस कार में विस्फोटक रखा गया था वह फरीदाबाद के अल फलाह मेडिकल कॉलेज में खड़ी की गई थी। सीसीटीवी फुटेज में कार कॉलेज कैंपस में खड़ी देखी गई। माना जा रहा है कि दिल्ली-एनसीआर और पुलवामा में कई स्थानों पर सुरक्षा एजेंसियों द्वारा की गई छापेमारी में भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद होने के कारण आतंकियों अपने हैंडलर्स के दबाव में आकर जल्दबाजी में कदम उठाया। इस बात की भी आशंका व्यक्त की जा रही है कि कार में बैठे आतंकी घबराहट में अपने आका के दबाव में आकर फरीदाबाद से निकलकर दिल्ली लाल किले के पास आकर कार पार्किंग में रुके हैं। इन्हें बाहर से कोई निर्देश दे रहा था। शाम के समय जब सड़क पर भीड़ भाड़ बढ़ गई तब ये लोग सड़क पर दोबारा निकले और लाल किले के सामने मेट्रो स्टेशन गेट नंबर एक के पास कार में रिमोट से विस्फोट किया गया। बहरहाल, जांच एजेंसियों को विस्फोट में इस्तेमाल किए गए केमिकल का अभी तक नहीं चल पाया है। विस्फोट वाली जगह को पुलिस ने बाड़ लगाकर सफेद कपड़े से घेर दिया है। विस्फोटक का पता लगने के बाद ही आगे की कड़ियों को सुलझाने का रास्ता साफ हो पाएगा।
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