यूके में हुई यह रिसर्च
ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन ने यूके में स्थित 197 मंकीपॉक्स रोगियों के डेटा को देखा। पिछले प्रकोप के बाद से मंकीपॉक्स कैसे बदल गया है, यह जानने के प्रयास में, शोधकर्ताओं की टीम ने पाया कि यह वायरस पिछले वेरिएंट्स से अलग है। इस वक्त मंकीपॉक्स का प्रकोप नए लक्षणों का कारण बन रहा है।
स्टडी में शामिल 71 मरीज़ों को रेक्टल पेन का अनुभव हुआ, 33 लोग गले में ख़राश से जूझे, 31 पीनाइल ओडेमा से परेशान हुए और 27 मरीज़ों के मुंह में छाले हुए। हालांकि, इस शोध में शामिल 22 मरीज़ ऐसे भी थे जिन्होंने स्किन पर एकांत घाव थे और 9 लोगों के टॉन्सिल्स बढ़े हुए पाए गए। इसके साथ ही स्टडी ने पुष्टी की कि मंकीपॉक्स मुख्य रूप से समलैंगिक या उभयलिंगी पुरुषों के माध्यम से फैलता है जो अन्य पुरुषों के साथ यौन संबंध रखते हैं।
एकांत घाव
अध्ययन में पाए गए नए लक्षणों में से एक है एकांत घाव, जिसे अंग्रेज़ी में सोलीटेरी लेज़न भी कहते हैं। आमतौर पर इस तरह का घाव अकेला और छोटा होता है। यह नुकसान न पहुंचाने वाला वॉर्ट भी हो सकता है और जानलेवा मेलानोमा भी। यानी मंकीपॉक्स की वजह से हुए घाव को सिफिलिस या दूसरे यौन संबंधी इन्फेक्शन्स भी समझा जा सकता है और इलाज भी गलत हो सकता है।
टॉन्सिल में सूजन
स्टडी में शामिल मरीज़ों ने टॉन्सिल्स में सूजन की भी शिकायत की, जिसके साथ एकांत घाव भी देखे गए। यह दोनों ही लक्षण पहले नहीं देखे गए थे और इनको मंकीपॉक्स की जगह दूसरी बीमारी समझने की गलती भी की जा सकती है।
मंकीपॉक्स के आम लक्षण
- बुखार
- सिर दर्द
- मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द
- पीठ दर्द
- लीम्फ नोड्स में सूजन
- चकत्ते
- थकावट