- तिरुवनंतपुरम, । दाक्षिण भारत में नवरात्र के शुरू होते ही बोम्मई कोलू (Bommai Kolu) भी धूमधाम से मनाया जाता है। इस साल नवरात्रि के दौरान केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम के गांधारी अम्मन कोविल मंदिर में देवताओं की लगभग 2500 लघु मूर्तियों में बोम्मई कोलू’ (गुड़िया व्यवस्था) शामिल है। बता दें कि बोम्मई कोलू केरल में नवरात्रि उत्सव का मुख्य आकर्षण है। नवरात्रि उत्सव में हिंदू देवताओं की मूर्तियों और मुख्य रूप से मिट्टी से बनी गुड़ियों को घरों में व्यवस्थित किया जाता है। नवरात्रि के समय ‘बोम्मई कोलू’ देखने के लिए दोस्त और रिश्तेदार आते हैं।
माना जाता है कि पहले तिरुवनंतपुरम में रहने वाले तमिल ब्राह्मणों में यह प्रथा थी, लेकिन आजकल बहुत से लोग अपने घरों में बोम्मई कोलू बनाते हैं। इस साल तिरुवनंतपुरम के गांधारी अम्मन कोविल मंदिर में मंदिर के मंडपम में बोम्मई कोलू मनाया गया है, जहां नवरात्रि उत्सव के मुख्य कार्यक्रम हो रहे हैं। गांधारी अम्मन कोविल तिरुवनंतपुरम में एक दशक पुराना पारंपरिक मंदिर है। यहां हर साल विभिन्न आयोजनों के साथ नवरात्रि उत्सव मनाया जाता है। मंडपम विभिन्न प्रकार के देवताओं की मूर्तियों से सजाया जाता है। इस वर्ष की विशेषता यह है कि हमने नवरात्रि को सजाने के लिए 2500 से अधिक मूर्तियों का उपयोग किया है।