- नारद स्टिंग टेप मामले में सीबीआई ने पश्चिम बंगाल सरकार के दो वरिष्ठ मंत्रियों, एक विधायक और कोलकाता के एक पूर्व मेयर को गिरफ्तार किया था.
कोलकाता: नारदा स्टिंग टेप मामले पर कलकत्ता हाईकोर्ट ने तृणमूल कांग्रेस के चारों नेताओं को अंतरिम जमानत दे दी. लेकिन हाईकोर्ट ने कुछ शर्तें भी रखी हैं. चारों नेताओं को दो लाख रुपये का निजी बांड पर जमानत दी गई है. वह जांच में एजेंसी का सहयोग करेंगे. नारदा मामले पर लंबित मुकदमे पर कोई प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं करेंगे. ये अंतरिम जमानत मामले के अंतिम परिणाम के अधीन होगी.
कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश पर 2017 के नारदा स्टिंग मामले की जांच कर रही सीबीआई ने 17 मई की सुबह पश्चिम बंगाल सरकार के दो वरिष्ठ मंत्रियों, एक विधायक और कोलकाता के एक पूर्व मेयर को गिरफ्तार किया था. इसके बाद सीबीआई की विशेष अदालत ने चारों को 17 मई को ही अंतरिम जमानत दे दी थी, लेकिन हाईकोर्ट की खंड पीठ ने उसी दिन फैसले पर स्थागनादेश जारी किया था, जिसके बाद आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. खंड पीठ में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल और न्यायमूर्ति अरिजीत बनर्जी शामिल थे. हाईकोर्ट के आदेशानुसार सभी चारों आरोपी मंत्री सुब्रत मुखर्जी और फिरहाद हाकिम, तृणमूल कांग्रेस के विधायक मदन मित्रा और पूर्व मेयर सोवन चटर्जी फिलहाल नजरबंद हैं.
क्या है नारदा स्टिंग टेप मामला
नारदा टीवी न्यूज चैनल के मैथ्यू सैमुअल ने 2014 में कथित स्टिंग ऑपरेशन किया था जिसमें तृणमूल कांगेस के मंत्री, सांसद और विधायक लाभ के बदले में कंपनी के प्रतिनिधियों से कथित तौर पर धन लेते नजर आए थे. यह टेप पश्चिम बंगाल में 2016 के विधानसभा चुनाव के ठीक पहले सार्वजनिक हुआ था. कलकत्ता हाईकोर्ट ने स्टिंग ऑपरेशन के संबंध में मार्च 2017 को सीबीआई जांच का आदेश दिया था.