नई दिल्ली, । केंद्र सरकार ने उच्च सुरक्षा पंजीकरण प्लेट ( high security registration plate-HSRP) को दिसंबर 2018 में एक अधिसूचना के तहत जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि 1 अप्रैल, 2019 के बाद बनने वाले या रजिस्टर्ड वाणिज्यिक और गैर-वाणिज्यिक वाहनों पर HSRP को लगाना जरूरी है। अब नोएडा की ट्रैफिक पुलिस इस मामले में एक्टिव मोड में नजर आ रही है और जिन गाड़ियों पर इस तरह की नंबर प्लेट नहीं हैं, उन पर जुर्माना लगाया जा रहा है।
क्या होते हैं HSRP नंबर प्लेट
HSRP नंबर प्लेट गाड़ियों में लगे एल्यूमीनियम प्लेटें हैं, जिनमें नीले रंग के होलोग्राम में अशोक चक्र प्लेट के ऊपरी-बाएं कोने पर होता है। इसके अलावा, खास 10-अंकीय पिन, 45 डिग्री के कोण पर “इंडिया” लिखा हुआ और भारत का अंतर्राष्ट्रीय पंजीकरण पहचान कोड “IND” अशोक चक्र होलोग्राम के नीचे ब्रांडेड किया गया रहता है। इसके लिए दोपहिया वाहनों पर करीब 500 रुपये (400 + 100 रुपये कलर स्टिकर के लिए ) और चारपहिया वाहनों के लिए 1,200 (1,100 वाहन श्रेणी के आधार पर + 100 रुपया कलर स्टिकर के लिए) खर्च करना पड़ता है।
तय किया गया है भारी जुर्माना
नोएडा के अधिकारियों के मुताबिक, HSRP को लगाने के लिए 15 फरवरी, 2023 तक का समय दिया गया था। समय-सीमा खत्म होने के बाद दोषपूर्ण नंबर प्लेट वाले वाहनों पर 5,000 रुपये तक जुर्माना तय किया गया है।
शुरू किया जा रहा है अभियान
गौतम बुद्ध नगर की यातायात पुलिस का कहना है कि थाना स्तर पर स्थानीय पुलिस एचएसआरपी नहीं रखने वाले वाहनों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए एक अभियान शुरू की है और दोषपूर्ण नंबर प्लेट के लिए जिम्मेदार ठहराया जाएगा। उन्होंने इसके लिए लोगों से आवेदन करें यदि अगर चालकों ने इसे पहले से नहीं किया है तो इसे तुरंत अपने वाहनों में लगाएं।
सिर्फ छह लाख वाहनों के पास HSRP
गौतम बुद्ध नगर परिवहन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, जिले में 8.70 लाख से अधिक पंजीकृत वाहन हैं, जिनमें से केवल लगभग 6 लाख के पास HSRP है। इसलिए, इसे सख्ती से लागू करवाने के लिए राज्य के सभी 75 जिलों के पुलिस प्रमुखों को इसके बारे में सूचना भेजी गई है। उत्तर प्रदेश परिवहन और सड़क सुरक्षा निदेशक अनुपम कुलश्रेष्ठ के मुताबिक, HSRP का न होना मोटर व्हीकल एक्ट के तहत अपराध है और इसलिए सभी वाहनों में उच्च सुरक्षा पंजीकरण प्लेट सुनिश्चित करने की आवश्यकता है।