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- ऑनलाइन मोड में पढ़ने-पढ़ाने की प्रक्रिया हुई आसान
- प्रारंभिक शिक्षकों के लिए दीक्षा-पोर्टल पर पांच से शुरू होगा नया कोर्स
- प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने शिक्षकों को पढ़ाया ई-लर्निंग की उपयोगिता का पाठ
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(आज शिक्षा प्रतिनिधि)
पटना। प्राथमिक शिक्षा निदेशक डॉ. रणजीत कुमार सिंह ने सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को ई-लर्निंग की उपयोगिता का पाठ पठाया। यह पाठ उन्होंने रविवार को यूट्यूब लाइव सेशन के जरिये ऑनलाइन पढ़ाया। कोरोनाकाल में क्लासरूम टीचिंग बंद रहने के मद्देनजर उन्होंने शिक्षकों से कहा कि विकल्प के रूप में ऑनलाइन शिक्षण पद्धति को अमल में लायें। ऑनलाइन शिक्षण पद्धति से बच्चों की क्लासरूम पढ़ाई की क्षति की भरपाई प्रभावी तरीके से की जा सकती है। इससे बच्चों को तो पढ़ाई में सहूलियत मिलेगी ही, शिक्षक भी खुद को अपडेट रख पायेंगे।
स्कूली बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई से जुड़े विभिन्न एप्प की चर्चा करते हुए प्राथमिक शिक्षा निदेशक डॉ. सिंह ने शिक्षकों से कहा कि दीक्षा एप्प को अपलोड करें। इस पर 1ली कक्षा से लेकर 12वीं कक्षा तक की पाठ्यपुस्तकें चैप्टर वाइज डिजिटल रूप में उपलब्ध हैं। वर्ष 2018-19 से लेकर अब तक छपी सभी पाठ्यपुस्तकें हैं। उसके क्यूआर कोड लगाये गये हैं। उससे वीडियो क्लिपिंग भी जोड़े गये हैं। पोर्टल पर जाकर जैसे ही क्लास टाइप करेंगे, तो उस क्लास की सारी किताबें अस जायेंगी। किताबों के चैप्टर के लिस्ट आ जायेंगे।
उन्होंने कहा कि दीक्षा पोर्टल पर किताबों के साथ डिजिटल कंटेंट भी उपलब्ध हैं। इस पर डिजिटल रूप में प्रारंभिक कक्षाओं की सभी पाठ्यपुस्तकें उपलब्ध हैं। सेकेंडरी की सोलह विषयों की किताबें उपलब्ध हैं। इनमें मैथिली और बांग्ला की भी किताबें हैं। साइंस और मैथ की चालीस किताबें एवं तीन हजार वीडियो कंटेंट उपलब्ध हैं। मैथ की सारी किताबें हैं और दो सौ वीडियो कंटेंट हैं।
उन्होंने कहा कि दीक्षा का पूरक है विद्यादान पोर्टल। डिजिटल कंटेंट बनाने वाले कोई भी व्यक्ति इस पर उसे शेयर कर सकते हैं। विद्यादान एप्प को शिक्षक जरूर देखें। प्राथमिक शिक्षा निदेशक डॉ. सिंह ने निष्ठा ट्रेनिंग की चर्चा करते हुए कहा कि इसका पहला फेज ऑफलाइन था। लेकिन, बाद में कोरोना की वजह से इसे ऑनलाइन किया गया। निष्ठा की पहुंच आज लाखों शिक्षकों तक है। इसका कवरेज हंड्रेड परसेंट है।
प्राथमिक शिक्षा निदेशक डॉ. सिंह ने कहा कि 1ली से 8वीं कक्षा के शिक्षकों के लिए पांच जून से एक और कोर्स शुरू करने जा रहे हैं। इसलिए शिक्षक दीक्षा को डाउनलोड करें। जिन्होंने इसे पहले से डाउनलोड कर रखा है, वे अपना प्रोफ़ाइल अपडेट करें, ताकि उनकी पहचान सुनिश्चित हो सके और उन तक हर जानकारी पहुंच सके। उन्होंने शिक्षकों से कहा कि दीक्षा पूरी तरह से लर्निंग प्लेटफॉर्म है। इसका उपयोग शिक्षक लर्निंग प्लेटफॉर्म के रूप में करें।
एक घण्टे के लाइव सेशन में शिक्षकों के साथ ही प्रधानाध्यापकों, विद्यालय शिक्षा समितियों के सदस्यों, शिक्षा सेवकों एवं प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों ने भी हिस्सा लिया। इसका संचालन नेहा ने किया। सौरभ ने तकनीकी पक्षों की चर्चा की।