पटना

पटना: 26 हजार 856 शिक्षा सेवकों का तबादला शुरू


      • अब तक हजारों शिक्षा सेवकों के टोले बदले
      • आवश्यकता आधारित टोले में हो रहा पदस्थापन

(आज शिक्षा प्रतिनिधि)

पटना। राज्य में पिछले नौ वर्षों से एक ही टोले में जमे 26 हजार 856 शिक्षा सेवकों का तबादला शुरू हो गया है। तबादले के जरिये अब तक हजारों शिक्षा सेवकों के टोले बदले जा चुके हैं। एक ही टोले में वर्षों से जमे शिक्षा सेवकों को तबादले को जरिये आवश्यकता आधारित टोले में पदस्थापित करने का निर्णय शिक्षा विभाग के जन शिक्षा निदेशालय द्वारा गत 12 अप्रैल को बुलायी गयी जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों (साक्षरता) एवं राज्य संसाधन समूह के सदस्यों की बैठक में लिया गया था। शिक्षा विभाग के विशेष सचिव सतीश चन्द्र झा, जो जन शिक्षा निदेशक भी हैं, की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह भी तय हुआ था कि तबादले की प्रक्रिया 30 अप्रैल तक पूरी कर ली जायेगी।

आपको बता दूं कि महादलित, दलित एवं अल्पसंख्यक अतिपिछड़ा वर्ग अक्षर आंचल योजना के तहत शिक्षा सेवक कार्यरत हैं। महादलित, दलित एवं अल्पसंख्यक अतिपिछड़ा वर्ग अक्षर आंचल योजना इन समुदायों के महिलाओं को साक्षर बनाने की राज्य  संपोषित योजना है। यह योजना 26 जनवरी, 2013 से संचालित है। इस योजना के तहत 30 हजार शिक्षा सेवक और शिक्षा सेवक (तालिमी मरकज) के पद स्वीकृत हैं। इन स्वीकृत पदों के विरुद्ध फिलहाल 26 हजार 856 शिक्षा सेवक और शिक्षा सेवक (तालिमी मरकज) कार्यरत हैं। शिक्षा सेवक का कार्य अपने अदस्थापन वाले टोले के बच्चों को कोचिंग देना और उन्हें प्रारंभिक विद्यालयों की मुख्यधारा से जोडऩा है। साथ ही उस टोला की 15-45 आयुवर्ग की असाक्षर महिलाओं को कार्यात्मक साक्षरता प्रदान करना भी है।

शिक्षा सेवक का नाम पहले टोला सेवक था। बाद में शिक्षा विभाग ने टोला सेवक का नाम बदल कर शिक्षा सेवक कर दिया। शिक्षा सेवकों के लिए नियमावली भी लागू की गयी। वर्तमान में शिक्षा सेवकों को प्रतिमाह 11 हजार रुपये मानदेय दिये जाते हैं। शिक्षा सेवकों को राज्य सरकार ने ईपीएफ योजना से भी आच्छादित कर रखा है। इसके तहत शिक्षा सेवकों के ईपीएफ खाते में राज्य सरकार द्वारा प्रतिमाह 13 फीसदी राशि जमा करायी जाती है। 12 फीसदी राशि शिक्षा सेवक को देने होते हैं।

जन शिक्षा के सहायक निदेशक रमेश चन्द्रा ने बताया कि शिक्षा सेवक तकरीबन नौ वर्षों से एक ही टोले में पदस्थापित थे। पदस्थापन वाला टोला उनसे लाभान्वित हो चुका है। अब उनका लाभ उन टोलों को मिलेगा, जिसे उनकी आवश्यकता है। बहरहाल, अब तक कितने शिक्षा सेवक तबादले के जरिये आवश्यकता आधारित टोलों में पदस्थापित हो चुके हैं, इसकी समीक्षा जल्द होगी।