पटना

पटना: अब डराने लगा ओमिक्रॉन, विदेश से आये 32 लोगों की जांच में 25 की पुष्टि, दो लोगों का सैम्पल संदिग्ध


पटना (आससे)। बिहार में ओमिक्रॉन का विस्फोट हुआ है। विदेश से आए 32 कोरोना संक्रमितों की जिनोम सीक्वेंसिंग में 25 में नए वैरिएंट ओमिक्रॉन की पुष्टि हुई है, जबकि दो सैंपल ओमिक्रॉन को लेकर संदिग्ध पाए गए हैं। वहीं, 4 की जीनोम सीक्वेंसिंग में डेल्टा वायरस की पुष्टि हुई है। एक संक्रमित की जीनोम सीक्वेंसिंग में किसी भी वैरिएंट की पुष्टि नहीं हो पाई है।

इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान के माइक्रो वायरोलॉजी विभाग में जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए विदेश से आए संक्रमितों का सैंपल भेजे गए थे। जांच रिपोर्ट में 25 सैंपल में नए वैरिएंट की पुष्टि आईजीएमएस के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. मनीष मंडल ने की है। सबसे ज्यादा पटना में 17 मरीजों में ओमिक्रोन की पुष्टि हुई है। वहीं मधुबनी में 3, वैशाली में 2, गया में 2, पूर्वी चंपारण में 1, पश्चिमी चंपारण में 1 और पूर्णिया में 1 ओमिक्रोन संक्रमित मरीज मिले हैं। बिहार में ओमिक्रॉन की जीनोम रिपोर्ट से हडक़ंप मच गया है। इसमें राज्य के अलग-अलग जिलों के लोगों के सैंपल हैं, जिसमें वायरस के नए वैरिएंट के लिए आईजीआईएमएस में जांच कराई गई है।

पटना के इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. मनीष मंडल ने बताया कि रविवार को 32 संक्रमितों के सैंपल की जीनोम रिपोर्ट आई है। इसमें 25 में ओमिक्रॉन की पुष्टि हुई है जबकि 4 सैंपल में डेल्टा पाया गया है। इसके अतिरिक्त एक मामले में जांच रिपोर्ट में किसी वैरिएंट की पुष्टि नहीं हो पाई है। 30 दिसंबर को बिहार में पहला मामला आया था। पटना के किदवईपुरी के रहने वाले एक युवक में संक्रमण की पुष्टि हुई थी।

जीनोम सीक्वेंसिंग में रिपोर्ट नए वैरिएंट ओमिक्रॉन की पुष्टि होने के बाद हडक़ंप मचा था लेकिन बाद में प्रशासन ने बताया था कि संक्रमित निगेटिव हो गया। रविवार को जब एक साथ 25 लोगों की रिपोर्ट आई तो हडक़ंप मच गया। बताया जा रहा है कि विदेश से आने वालों की कोरोना जांच आने के बाद वायरस के नए वैरिएंट को लेकर जीनोम सीक्वेंसिंग कराई जाती है।

पहले जांच के लिए सैंपल डब्लूएचओ के माध्यम से बाहर भेजा जाता था लेकिन अब इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में ओमिक्रॉन की जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए व्यवस्था की गई। सीएम नीतीश कुमार के आदेश पर शुरू हुई जीनोम सीक्वेंसिंग की पहली रिपोर्ट रविवार को आई है।

ओमिक्रॉन से बिहार में कोरोना की रफ्तार 565 गुना तेज हुई है। महज 21 दिन में संक्रमण 300 प्रखंडों में फैल गया है। 18 दिसंबर को राज्य के 4 प्रखंडों से महज 8 कोरोना केस आए थे। शनिवार को 534 प्रखंडों में से 300 प्रखंडों से 4,526 नए मामले आए। यह रफ्तार 565 गुना है। इसके पहले कोरोना की रफ्तार में यह तेजी नहीं देखी गई थी। अभी हॉस्पिटल में मरीजों के भर्ती होने की दर कम बताकर स्वास्थ्य विभाग राहत की सांस ले रहा है, लेकिन अचानक इसमें बढ़ोत्तरी आई तो हालात दूसरी लहर से भी ज्यादा खतरनाक हो जाएंगे।

अब वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने दुनिया को चेताया है कि ओमिक्रॉन को कॉमन कोल्ड समझकर हल्के में न लें। डब्ल्यूएचओ की महामारी विज्ञानी डॉ. मारिया वान केरखोव ने एक ट्वीट में कहा, ओमिक्रोन आम सर्दी नहीं है। उन्होंने कहा, कुछ रिपोर्ट्स में डेल्टा की तुलना में ओमिक्रॉन से कम खतरे की बात कही गई है, लेकिन अब भी कई लोग ओमिक्रॉन से संक्रमित हो रहे हैं, हॉस्पिटल में हैं और बीमार हो रहे हैं और मौतें भी हो रही हैं।