-
-
- पटना की 810 राशन दुकानों के कार्डधारी हैं परेशान
- राशन दुकानों की मॉनीटरिंग नहीं कर रहीं निगरानी समितियां
- राशन उपभोक्ता संघ ने दिया खाद्य उपभोक्ता मंत्री को ज्ञापन
-
पटना (आससे)। राशन कार्डधारियों को प्रति यूनिट कितना गेहूं और चावल मिलेगा, इसकी जानकारी राशन दुकानदार सार्वजनिक रूप से नहीं उपलबध करा रहे हैं। दूर-दराज के जिलों की बात छोड़ दें, यह संकट पटना शहरी क्षेत्र में बना है। इस गफलत को दूर करने में खाद आपूर्ति विभाग रुचि ले रहा, न राशन दुकानदार।
इस संकट के कारण उपभोक्ता हर दिन परेशान हो रहे हैं। पटना में फिलहाल ८१० राशन दुकानें चल रही है। इन दुकानों की निगरानी के लिए सभी वार्डों में निगरानी टीम भी बनी है। निगरानी टीम के सदस्यों में विधायक, विधान पार्षद, निगम पार्षद और विभिन्न दलों के लोकल नेता बतौर सदस्य के रूप में शामिल हैं, परन्तु उनकी शिथिलता के कारण निगरानी समितियां सक्रिय नहीं हैं। नतीजा यह है कि कार्डधारियों को न उचित राशन मिल रहा, न इसकी समुचित आपूर्ति हो रही है।
किरासन तेल, सरसो तेल, तेल, डालडा और अन्य जींसों के संकट और उसकी बढ़ी कीमतों के बीच राशन दुकानों से मिलने वाला चावल-गेहूं मध्य और निम्रवर्गीय उपभोक्ताओं को बड़ी राहत देता, किन्तु सही वितरण व्यवस्था और विभाग की शिथिलता के कारण लोग महंगी दर पर खुले बाजार से गेहूं-चावल खरीद रहे हैं। खुले बाजार में गेहूं १२, जबकि चावल १४ रुपये किलो बिक रहा है, जबकि खाद्य आपूर्ति की दुकानों में यह दो और तीन रुपये किलो दिया जाना है।
सरकारी राशन दुकानों में गेहूं-चावल की सप्लाई राज्य खाद्य निगम से किये जाने का प्रावधान है, परन्तु गोदामों की अव्यवस्था, भ्रष्टाचार और अस्त-व्यस्त हालात के कारण गेहूं-चावल की आपूर्ति सही ढंग से वक्त पर नहीं हो रही है। इसको लेकर सभी परेशान हैं।
खाद्य उपभोक्ता संघ और महिला उपभोकता संघ की निर्मल कसेरा और पूर्णिमा देवी ने इस बावत खाद्य उपभोकता मंत्री को ज्ञापन देकर व्यवस्था में सुधार करने तथा गरीब और मध्यम वर्ग के उपभोक्ताओं को उचित समय पर उचित क्वांटिटि में राशन मुहैय्या कराने की मांग की है।