इंटरमीडिएट-स्नातक कक्षाओं में नामांकन का लाखों छात्र-छात्रा कर रहे इंतजार
(आज शिक्षा प्रतिनिधि)
पटना। राज्य में कोरोना की दूसरी लहर के थमते ही दाखिले की डुगडुगी बज उठेगी। यह डुगडुगी इंटरमीडिएट एवं स्नातक कक्षाओं में दाखिले को बजने वाली है। इन कक्षाओं में दाखिले की डुगडुगी बजने का इंतजार बिहार बोर्ड से मैट्रिक एवं इंटरमीडिएट की परीक्षा पास करने वाले लाखों छात्र-छात्रा कर रहे हैं।
जैसे ही दाखिले की डुगडुगी बजेगी, इंटरमीडिएट एवं स्नातक की पढ़ाई वाले स्कूल-कॉलेजों पर नये छात्र-छात्राओं के स्वागत का रंग चढ़ जायेगा। आपको याद दिला दूं कि कोरोना की दूसरी लहर के पहले ही बिहार बोर्ड की इंटरमीडिएट एवं मैट्रिक की परीक्षाओं के नतीजे आ चुके थे। इन परीक्षाओं में पास होने वाले लाखों छात्र-छात्राओं को आगे की पढ़ाई के लिए अब अगली कक्षा में दाखिले की प्रक्रिया के शुरू होने का इंतजार है। साइंस स्ट्रीम से इंटरमीडिएट पास करने वाले छात्र-छात्रा मेडिकल, इंजीनियरिंग, पारा-मेडिकल, पॉलिटेक्निक के साथ ही स्नातक पाठ्यक्रम में दाखिले कि तैयारी में हैं। इसके साथ ही कॉमर्स एवं आर्ट्स स्ट्रीम से इंटरमीडिएट पास हुए छात्र-छात्रा प्रोफेशनल-वोकेशनल कोर्स के साथ ही स्नातक पाठ्यक्रम में दाखिला शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं।
राज्य में तकरीबन 260 अंगीभूत कॉलेजों एवं 222 सम्बद्ध डिग्री कॉलेजों में स्नातक स्तर के पाठ्यक्रम की पढ़ाई रेगुलर मोड में होती है। ऐसे कॉलेज जिन विश्वविद्यालयों के अधीन हैं, उनमें पटना विश्वविद्यालय, पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय, वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय, मगध विश्वविद्यालय, जयप्रकाश विश्वविद्यालय, बीआरए बिहार विश्वविद्यालय, ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, बीएन मंडल विश्वविद्यालय, पूर्णिया विश्वविद्यालय, तिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय एवं मुंगेर विश्वविद्यालय शामिल हैं।
इसके साथ ही अंगीभूत एवं सम्बद्ध संस्कृत कॉलेजों में भी स्नातक स्तर की पढ़ाई रेगुलर मोड में होती है। संस्कृत में स्नातक की पढ़ाई रेगुलर मोड में कराने वाले कॉलेज कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के अधीन संचालित हैं। इसके साथ ही कई विश्वविद्यालयों में डिस्टेंस मोड में भी स्नातक पाठ्यक्रम की पढ़ाई की व्यवस्था है। इनमें नालंदा खुला विश्वविद्यालय खास तौर पर शामिल है। सरकारी विश्वविद्यालयों से इतर कई प्राइवेट विश्वविद्यालय द्वारा भी स्नातक स्तर की पढ़ाई करायी जा रही है।
रही बात इंटरमीडिएट की पढ़ाई के लिए 11वीं कक्षा में दाखिले की, तो राज्य में सरकारी स्कूलों के साथ ही तकरीबन 599 कॉलेजों में इंटरमीडिएट की पढ़ाई होती है। इनमें दाखिले के लिए बिहार बोर्ड की ओएफएफएस सिस्टम के तहत सेंट्रलाइज तरीके से ऑनलाइन आवेदन किये जाते हैं। इस बार बिहार बोर्ड से 12 लाख 93 हजार छात्र-छात्रा 10वीं पास हुए हैं।