- पहले हफ्ते में बीपीएससी को अधियाचना, जल्द आयेगी वेकेंसी
- साढ़े पांच हजार लाइब्रेरियन की होगी बहाली
- हर प्रखंड में खुलेंगे आदर्श विद्यालय
- महाविद्यालय विहीन प्रखंडों में होगी डिग्री कॉलेज की स्थापना
- पुराने प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान बनेंगे सेंटर ऑफ एक्सीलेंस
- बनेगी नयी एजुकेशन सिटी, विशेष शिक्षकों एवं शिक्षा विकास पदाधिकारियों की नियुक्ति शीघ्र
पटना (आशिप्र)। राज्य के सरकारी स्कूलों में चौथे चरण की शिक्षकों की नियुक्ति जल्द होगी। इसके लिए जनवरी के पहले हफ्ते में बिहार लोक सेवा आयोग को अधियाचना भेज दी जायेगी। उसके बाद वेकेंसी आयेगी। अब तक रोस्टर क्लियरेंस के बाद 31 जिलों से रिक्तियां आ गयीं है। चौथे चरण की शिक्षक नियुक्ति के बाद साढ़े पांच हजार लाइब्रेरियन की नियुक्ति होगी। इस बीच 7,279 विशेष अध्यापकों एवं 935 सहायक शिक्षा विकास पदाधिकारियों की नियुक्ति की प्रक्रिया अंतिम दौर में है। इन पदों पर नियुक्ति के लिए बिहार लोक सेवा आयोग को पहले ही अधियाचना भेजी जा चुकी है।
शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने सोमवार को संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि राज्य में प्रत्येक प्रखंड में एक आदर्श विद्यालय की स्थापना होगी। महाविद्यालय विहीन प्रखंडों में एक-एक डिग्री कॉलेज खोले जायेंगे। पुराने प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित किये जायेंगे। इसके तहत कार्ययोजना तैयार कर शिक्षण संस्थानों को चिन्हित करने की कार्रवाई की जा रही है। राज्य में एक नये एजुकेशन सिटी के निर्माण के लिए कार्ययोजना तैयार करने का कार्य किया जा रहा है।
शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि नये उच्च शिक्षा विभाग के गठन से संबंधित अधिसूचना जारी की जा चुकी है। नवगठित उच्च शिक्षा विभाग के स्थायी पदों के सृजन हेतु आवश्यक प्रक्रियाएं प्रगति पर है। अंगीभूत महाविद्यालयों में सहायक प्राध्यापकों की नियुक्ति के लिए 5,832 पदों हेतु अनुशंसा विश्वविद्यालयों को भेजी जा चुकी है। अंगीभूत कॉलेजों में 116 प्रिंसिपल भी बहाल किये गये हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2025 में सरकारी स्कूलों में 5.87 लाख शिक्षकों की नियुक्ति की गयी। इसके पहले वर्ष 2005 में 2.04 लाख शिक्षकों की नियुक्ति हुई थी। इससे स्कूलों में अध्यापकों की संख्या में 187 प्रतिशत वृद्धि हुई है। इसके साथ ही छात्र शिक्षक अनुपात 29:1 पर पहुंच गया है। वर्ष 2022 की तुलना में बच्चों की शैक्षिक उपलब्धियों में सकारात्मक उपलब्धि हुई है। वर्ष 2025 में कक्षा दो स्तर का पाठ धाराप्रवाह पढऩे वाले बच्चों की संख्या में 15 प्रतिशत की प्रगति हुई है, जबकि एक अंक का जोड़ कर पाने वाले बच्चों में आठ प्रतिशत की वृद्धि हुई है। शिक्षा सेवकों एवं शिक्षा सेवक (तालीमी मरकज) का मानदेय 11 हजार से बढ़ा कर 22 हजार रुपये मासिक किया गया है। उन्हें पांच प्रतिशत की वार्षिक वेतनवृद्धि भी मिलेगी। इसी प्रकार शारीरिक शिक्षा एवं स्वास्थ्य अनुदेशकों का मानदेय आठ हजार से बढ़ा कर 16 हजार रुपये एवं रसोइयों का मानदेय 1,650 से बढ़ा कर 3,300 रुपये तथा रात्रि प्रहरियों का मानदेय पांच हजार से बढ़ा कर 10 हजार रुपये किया गया है। विशेष समस्या से ग्रस्त 74,974 शिक्षकों का तबादला किया गया है। 29,338 शिक्षकों का पारस्परिक स्थानांतरण किया गया है। 27,171 और शिक्षकों का अंतरजिला तबादला करते हुए उन्हें जिला आवंटित किया गया है। इनमें से 21,307 शिक्षकों को प्रखंड भी आवंटित हो चुका है। बचे शिक्षकों को भी प्रखंड आवंटित किया जा रहा है।
शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार को प्रगतिशील और विकसित बिहार बनाने के लिए राज्य सरकार दृढ़ संकल्पित है। इसमें शिक्षा का महत्वपूर्ण योगदान है। शिक्षा में गुणात्मक सुधार करने के साथ ही आमलोगों तक सरल और समावेशी शिक्षा पहुंचाने के लिए कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग का बजट वर्ष 2005 में 4341 करोड़ था जो वर्ष 2025 में बढक़र 72,652.44 करोड़ हो गया है। सात निश्चय तीन के अंतर्गत चतुर्थ निश्चय-उन्नत शिक्षा, उज्ज्वल भविष्य के तहत शिक्षा विभाग के द्वारा कार्य शीघ्रता से किए जा रहे हैं। बिहार पहले से ही ज्ञान का केंद्र रहा है उसे पुन: स्थापित करने के लिए राज्य सरकार कार्य कर रही है। उन्होंने विभाग द्वारा संचालित पोषाक योजना, साइकिल योजना, मध्याह्न भोजन योजना सहित विभिन्न योजनाओं के बारे में कहा कि इससे राज्य के छात्र-छात्राएं लाभान्वित हो रही हैं। इससे विद्यालयों में इनकी संख्या काफी बढ़ी है। जिससे वर्तमान में सरकारी विद्यालयों में 1.76 करोड़ छात्र-छात्राओं की संख्या है। शिक्षकों की समस्याओं पर भी ध्यान दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि चौथे चरण की शिक्षक नियुक्ति के बाद राज्य में साढ़े पांच हजार पदों पर लाइब्रेरियन की नियुक्ति की जाएगी। रोस्टर क्लीयरेंस और सक्षमता परीक्षा के बाद बीपीएससी के पास इसकी अधियाचना भेजी जाएगी। अब तक करीब सक्षमता परीक्षा पास करने वाले 2,66,786 शिक्षकों को विशिष्ट शिक्षक नियुक्त किया गया है। इसी प्रकार राज्य में 28 हजार 748 प्रधान शिक्षक और चार हजार 699 प्रधानाध्यापकों की नियुक्ति की गई है।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि शिक्षा का अधिकार कानून को निजी विद्यालयों में कड़ाई से लागू किया जाएगा। राज्य के प्रास्वीकृति प्राप्त निजी विद्यालयों में क्षमता के अनुरूप कमजोर वर्ग एवं अलाभकारी समूह के 25 फीसदी छात्रों का शैक्षणिक सत्र 2026-27 में नामांकन कराया जाएगा। इसके लिए ज्ञानदीप पोर्टल 22 दिसंबर से शुरू किया गया है। इस पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन नामांकन होगा। इसमें अनाथ बच्चों को भी कमजोर वर्ग एवं अलाभकारी समूह के बच्चों में शामिल किया गया है। संवाददाताओं से बातचीत के दौरान शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. बी. राजेंन्द्र, सचिव दिनेश कुमार, उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. एनके अग्रवाल, निदेशक प्रशासन मनोरंजन कुमार, उपनिदेशक जनसंपर्क दिनेश कुमार उपस्थित थे।





