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- विधानमंडल और सचिवालय में कारोना विस्फोट, दो की मौत
- तीन मेडिकल कॉलेजों में आईएएस अफसरों की नियुक्ति
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(आज समाचार सेवा)
पटना। बिहार में कारोना वायरस संक्रमण विस्फोटक रुप लेता जा रहा है। मंगलवार की सुबह निदेशक पंचायती राज आइएएस विजय रंजन की मौत हो गयेी। वहीं विधानमंडल व सचिवालय में विस्फोटक रुप ले लिया है। विधान परिषद में दो कर्मियों की कोरोना से मौत की सूचना है, वहीं विधानसभा अध्यक्ष के निर्देश पर कराये गये कोविड टेस्ट में ८७ की जांच हुई उसमें ११ के पॉजिटिव होने से हडक़ंप मच गया है। कमोवेश सचिवालय में भी यही स्थिति है। कोई ऐसा विभाग व कार्यालाय नहीं, जहां कोरोना पॉजीटिव नहीं पाये जा रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार निदेशक पंचायती राज पिछले कई दिनों से अस्वस्थ चल रहे थे। सोमवार की रात को वे सोये जो फिर जगे नहीं। मंगलवार की सुवह वे मृत पाये गये। वे अपने सहयोगियों के बीच काफी लोकप्रिय व मिलनसार थे। उनके निधन से परिजनों एवं शुभचिंतकों व प्रशासनिक जगत में शोकाक माहौल है। इधर विधान परिषद में दो कर्मी की मृत्यु दो दिनों में होने की बात कही जा रही है। जबकि विधानसभा में ८७ कर्मियों की कोविड टेस्ट कराये गये, जिसमें ११ पॉजीटिव पाये गये हैं। शेष कर्मियों की जांच बुधवार को होने की संभावना है।
विधानसभाध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने इसकी सूचना मिलते ही पूरे विधानसभा परिसर को सोनेटाइज कराया। सभी गेटों पर ऑटोमेटिक सेनेटाइजर मशीन लगाया गया है। परिसर में बाहरी लोगों का प्रवेश निषिद्ध कर दिया गया है। मंगलवार को विधानसभा की विभिन्न समितियों की बैठकें प्रस्तावित थी, जिसमें कम सदस्य ही उपस्थित हुए।
बिहार विधान परिषद के सहायक विजेन्द्र कुमार शर्मा की कोरोना से हुयी मौत के बाद कार्यकारी सभापति अवधेश नारायण सिंह ने शोक व्यक्त कर 18 अप्रैल तक विधान परिषद कार्यालय को बंद करने का निर्देश दिया है। उन्होंने सभी कार्यालय कर्मियों के लिए कोरोना जॉंच की व्यवस्था कार्यालय में किया जिसमें अब तक 18 कर्मी कोरोना पॉजिटिव पाए गए है।
इधर सचिवालय की स्थिति तो और गंभीर है। सरकार के फैसेले के बाद मात्र ३३ प्रतिशत कर्मियों को ही उपस्थित रहना है। इसके चलते विभागों की कुर्सियां खाली दिख रही है। उप सचिव एवं उससे उपर के अधिकारी भी अपने कार्यालयों में कम ही दिख रहे हैं। बाजार व सडक़ों पर भी इसका असर दिख रहा है। दुकानें तो खुल रही है, परंतु ग्राहक नजर नहीं आ रहे हैं। उधर श्रम संसाधन विभाग ने अगले आदेश तक श्रमायुक्त के कार्यालय में प्रवासी श्रमिकों की जानकारी व उसे सहायता पहुंचाने के लिए टॉल फ्री नंबर जारी करते हुए वहां कर्मियों को तीनो शिफ्ट के लिए प्रतिनियुक्त किया है। टॉल फ्री नंबर १८००३४५६१३८ है।
बहरहाल पटना समेत राज्य के अन्य हिस्सों में भी कोरोना वायरस संक्रमण की रफ्तार बढ़ते जा रही है। हर आम व खास सहमे हुए हैं और ऐहतियात के तौर सचेत और सजग हैं। प्रशासन की ओर से भी लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने व सचेत एवं सतर्क रहने के लिए माइकिंग करा रहा है।
तीन मेडिकल कॉलेजों में आईएएस अफसरों की नियुक्ति
बिहार सरकार ने पटना के तीन मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को प्रतिनियुक्त किया है। कोरोना के बढ़ते संक्रमण के मद्देनजर यह कदम उठाया गया है। फिलहाल एक सप्ताह के लिए इनकी प्रतिनियुक्ति की गई है।
सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा मंगलवार को जारी अधिसूचना के मुताबिक ग्रामीण विकास विभाग के अपर सचिव राजीव रौशन को पटना चिकित्सा महाविद्यालय और अस्पताल (पीएमसीएच), समाज कल्याण विभाग के निदेशक राज कुमार को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), पटना और उद्योग विभाग के निदेशक तकनीकी पंकज दीक्षित को नालंदा चिकित्सा महाविद्यालय और अस्पताल (एनएमसीएच) में प्रतिनियुक्त कया गया है। ये अपने वर्तमान दायित्वों का भी निर्वहन करेंगे। पिछले वर्ष जब कोरोना का संक्रमण बढ़ा तब भी राज्य सरकार ने प्रदेश के बड़े अस्पतालों में आईएएस अफसरों को प्रतिनियुक्त किया था।
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने कहा है कोरोना के दूसरे लहर के मद्देनजर आम जनों के जान माल की सुरक्षा के प्रति विभाग पूरी तरह सचेत और सतर्क है। अस्पतालों में कोरोना बेड की संख्या में वृद्धि और टेस्टिंग व ट्रीटमेंट सुविधा को बेहतर करने का निदेश दिया गया है। मंगल पांडेय ने मंगलवार को कहा कि कोरोना को हराना राज्य सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता है। इसको देखते हुए सूबे के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच में अधिक से अधिक संख्या में कोरोना संक्रमण की जांच करने का निर्णय लिया गया है।
पीएमसीएच परिसर में टेस्टिंग लेबोरेटरी की स्थापना एवं सुदृढ़ीकरण हेतु आवश्यक मशीनों की खरीद के लिए डेढ़ करोड़ की राशि स्वीकृत की गई है। पीएमसीएच में कोरोना मरीजों को चिकित्सीय सुविधा प्रदान करने हेतु विभिन्न प्रकार की दवाईयों व अन्य आवश्यक सामग्री पर यह राशि व्यय की जाएगी। पीएमसीएच में सुविधाएं बढऩे से कोरोना पीडि़त मरीजों को जरूर राहत मिलेगी।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि यह राशि मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना के तहत योजना एवं विकास विभाग के द्वारा स्वास्थ्य विभाग के संधारित कोरोना उन्मूलन कोष से उपलब्ध कराई जा रही है। अनुमंडल अस्पतालों में कोरोना मरीजों की बेहतर व्यवस्था का निदेश दिया गया है जो डेडीकेटेड हेल्थ सेंटर के रूप में काम करेगा। स्वास्थ्य विभाग का लक्ष्य है कि कोरोना संक्रमित की जांच रोजाना एक लाख के करीब हो। इसमें आरटीपीसीआर टेस्ट की संख्या अधिक से अधिक हो।