राष्ट्रीय

पटना में TET कैंडिडेट्स को पुलिस ने दौड़ा-दौड़ाकर पीटा


बिहार विधान मंडल के मानसून सत्र की शुरुआत होते ही हंगामा शुरू हो गया है। सदन के अंदर विपक्षी दलों ने हंगामा किया तो सड़क पर शिक्षक अभ्यर्थी उतर आए। पुलिस ने TET पास इन कैंडिडेट्स को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। ये लोग मंगलवार दोपहर को हाथों में गुलाब का फूल लिए विधानसभा का घेराव करने निकले थे।पुलिस ने कैंडिडेट्स को डाक बंगला चौराहे पर रोक दिया। इसके बाद वह सड़क पर ही बैठकर प्रदर्शन करने लगे। अभ्यर्थी ‘नीतीश सरकार हाय-हाय’, ‘नीतीश-तेजस्वी मुर्दाबाद’ के नारे लगाते रहे। पुलिस ने कैंडिडेट्स को समझाने की कोशिश की, लेकिन वो अपनी मांगों पर अड़े रहे। इसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया।अभ्यर्थियों का कहना था कि हम 3 साल से लगातार अपनी मांग को लेकर धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। फिर भी सरकार कोई सुनवाई नहीं कर रही है। अब हम लोग नौकरी लेकर ही दम लेंगे। चाहे जेल क्यों ना जाना पड़े। इसके बाद पुलिस प्रशासन ने अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज कर दिया।कैंडिडेट्स के प्रदर्शन के चलते डाक बंगला चौराहे पर जाम के हालात बन गए। पुलिस ने सभी को खदेड़कर रास्ता खुलवाया। इस दौरान करीब 3 घंटे तक डाक बंगला चौराहा और आसपास के इलाकों में अफरा-तफरी की स्थिति बनी रही।बिहार में सातवें चरण की शिक्षक बहाली की प्रक्रिया अभी तक शुरू नहीं हो सकी है। इसको लेकर ही यह अभ्यर्थी करीब 5 महीने से आंदोलन कर रहे हैं। सातवें चरण की बहाली प्रक्रिया सेंट्रलाइज होनी है। यानी अभ्यर्थी जिन जिलों की नियोजन इकाइयों के लिए आवेदन भरना चाहेंगे उन्हें उसके लिए ऑनलाइन सुविधा दी जाएगी।बिहार में अब तक शिक्षक नियोजन की प्रक्रिया सेंट्रलाइज नहीं थी। अभ्यर्थियों को आवेदन देने के लिए या तो खुद नियोजन इकाइयों में जाना होता था या फिर उन्हें डाक के जरिए आवेदन भेजना होता था। इसमें काफी समय लगता है। अभ्यर्थियों का काफी समय इसमें लगता था कि वे 200-200 किमी दूर जहां सीटें होती थीं, वहां जाकर आवेदन करते थे। यह बहुत ही तनाव देनेवाली प्रक्रिया रही और इसकी खूब आलोचना भी हुई। सातवें चरण के नियोजन के बाद विद्यालयों में शिक्षकों की काफी हद तक कम जाएगी।छठे चरण में प्राथमिक शिक्षकों के 47000 से ज्यादा और माध्यमिक उच्च माध्यमिक शिक्षकों के लगभग 25000 पद खाली रह जाएंगे। खाली बचे पदों को भरने के लिए इसे सातवें चरण में जोड़ा जाएगा।