सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए बनायें रैन बसेरा
(आज समाचार सेवा)
पटना। जैसे-जैसे पारा लुढक रहा है वैसे वैसे ठंड का कहर बढ़ते जा रहा है। मौसम विभाग ने इस वर्ष कड़ाके की ठंड पडऩे का पूर्वानुमान जारी कर रखा है। धीरे-धीरे संपूर्ण बिहार शीतलहर की चपेट में आने लगा है। लोग बाग शाम ढलते ही घरों में दुबकने को मजबूर हो गये हैं। सडक़ों पर सन्नाटा दिखने लगाता है। इस बीच आपदा प्रबंधन विभाग ने सभी जिलाधिकारियों को अलर्ट करते हुए कहा है कि शीतलहर से बचाव को लेकर सभी ऐहतियाति कदम उठाये जायें।
आपदा प्रबंधन विभाग से गुरूवार को जारी निर्देश में कहा गया है कि शीतलहर के प्रभाव को कम करने के उद्देश्य से स्वास्थ्य केंद्रों में समुचित व्यवस्था किये जायें। बीमार लोगों के इलाज के लिए अलग से विशेष इंतजाम किये जायें। शीतलहर का सबसे ज्यादा प्रभाव कृषि एवं पशु धन पर देखने को मिलता है। इसके मद्देनजर फसल क्षति से बचाव पशुओं की सुरक्षा के लिए सभी एहतियाति कदम उठाने की जरूरत है। इसे सर्वोच्च प्राथमिकता दिये जायें। विर्नाध बिजली आपूर्ति से आंतरिक वातावरण को गर्म रखने में मदद मिलती है।
निर्देश में कहा गया है शीतलहर का कहर बढ़ते ही फॉग बढ़ जाता हैं। धूंध के कारण सडक़ दुर्घटनाओं में बेतहाशा वृद्घि देखने को मिलती है। इसके मद्देनजर सुरक्षात्मक उपाय कराते हुए यातायात के नियमों का सख्ती से पालन कराया जाना आवयक होगा। गरीब एवं बेसहरा लोगों को शीतलहर से बचाव के लिए पर्याप्त संख्सा में रैन बसेरा का इंतजाम और अलाव का पुख्ता इंतजाम होना चाहिए। जहां रैन बसेरा नहीं है वहां उपलब्ध पॉलिथिन शीट्स, टेंट, तारपोलीन सीट्स का उपयोग कर आवश्यकतानुसार अस्थायी शरण स्थली बनायी जाये। इन जगहों पर पर्याप्त संख्या में कंबल की व्यवस्था रखें। कोविड १९ के संक्रमण को देखते हुए आवश्यकतानुसार हैंड सेनेटाइजर, सोशल डिस्टेंसिंग एवं अन्य जरूरी मानकों का विशेष रुपये से ध्यान रखा जाना चाहिए।
आवासहीन गरीबों, रिक्शा चालकों, मजदूरों, नि:सहाय व्यक्मियों एवे ऐसे सदृश्य श्रेणी के लोगों के बीच कंबल एवं मास्क का वितरण कराये। अलाव की व्यवस्था जिला मुख्यालय से प्रखंड मुख्यालय स्तर तक सभी शहरी एवं अर्धशहरी स्थानो में की जायेगी। धर्मशालायें, अस्पताल, मुसाफिरखाना, रिक्शा एवं टमटम पड़ाव, चौराहा, रेलवे स्टेशन, बस स्टैँड आदि जगहों पर अधिक से अधिक लोगों को अलाव का लाभ मिले।