नहीं चला प्रश्नोत्तर काल, स्पीकर नहीं निकले चैंबर से
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- सीएम ने ससम्मान अपनी बातों को रखा है : मंत्री
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(आज समाचार सेवा)
पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और विधानसभाध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा के बीच सोमवार को बीच हुए विवाद के बाद दूसरे दिन भी विपक्ष के हंगामे के चलते सदन का कामकाज बाधित रहा। हालांकि विपक्ष के हंगामे में राजद और माले के विधायक शामिल थे वहीं कांग्रेस और एआइएमएए के विधायकों का साथ राजद को नहीं मिला। विपक्ष ने प्रश्नोत्तरकाल नहीं चलने दी। इस बीच विधानसभाध्यक्ष अपने कक्ष से नहीं निकले। सदन का संचालन पीठासीन सदस्य डा प्रेम कुमार ने किया, जबकि सदन में मौजूद थे।
मंगलवार को सदन की कार्यवाही जैसे ही शुरू हुई राजद के ललित कुमार यादव समेत अन्य सदस्य कहने लगे कि सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सदन को अपमानित किया है। पूरा सदन मर्माहत है। आसन के कार्य में मुख्यमंत्री द्वारा हस्तक्षेप किया गया है। उनके द्वारा अलोकतांत्रिक बाते कही गयी है। उन्हें इसके लिए आसन से माफी मांगनी चाहिए और अध्यक्ष को सदन में लाने के लिए पहल करें। विधानसभाध्यक्ष को सदन में आकर अपनी बातों को कहना चाहिए। इसके बाद राजद और माले के सदस्य बेल में पहुंचकर नारेबाजी करने लगे। इस बीच पीठासीन सदस्य डा प्रेम कुमार सदस्यों ने अपने सीट पर जाकर अपनी बातों को कहने का आग्रह करते रहे, लेकिन उनकी बातों को अनसुनी कर दिया।
25 मार्च को विशेषाधिकार समिति की बैठक
पटना। लखीसराय प्रकरण को सुलझाने के लिए विधानसभाध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा की अध्यक्षता वाली विशेषाधिकार समिति की मंगलवार को आहूत बैठक को स्थगित कर दिया गया। बताया जाता है कि समिति का कोरम पूरा नहीं होने को लेकर स्थगित किया गया है। अब इसकी बैठक २५ मार्च को होगी जिसमें लखीसराय प्रकरण पर चर्चा होगी।
पीठासीन पदाधिकारी के निर्देश पर संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरीन कहा कि ललित जी कल की घटना का जिक्र कर रहे थे। मुख्यमंत्री जी ने भी कहा, आसन ने भी कहा। कार्यपालिका व विधायिका के कार्य को लेकर संविधान में प्रावधान है। दोनों का अधिकार स्पष्ट है। दोनों में कोई भी विरोधाभाष नहीं है। मुख्यमंत्री द्वारा कोई अपमानजनक बातें नहीं कही गयी है। परंपरा का निर्वहन किया जाये। बात पूरी नहीं हुई है शांत होंगे तब कहेंगे। वो जब बोलत हैं तो हम सुनते हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी ने विधानसभाध्यक्ष जी से जो भी बातें कही है वह ससम्मान कही है। अब ये कहते हैं कि आसन को सफाई देना होगा। ये सवाल सारे सदन और आसन का है आसन की बातों का अवज्ञा भी करेंगे और उनसे सफाई भी मांगेंगे। मुख्यमंत्री जी ने यही कहा था कि सदन नियमन और परंपरा से चलना चाहिए। इससे विपरित नहीं चलना चाहिए। इसके अलावा और कोई बातें उन्होंने नहीं कहा था।
हालांकि पीठासीन पदाधिकारी ने कहा कि सदन और आसन की कोई अवमानना नहीं हुई है। ललित यादव का कहना था कि अध्यक्ष जी को सदन में आना चाहिए और सदन में इस पर चर्चा हो। लोकतंत्र की हत्या हुई है। सदन नेता को माफी मांगनी चाहिए। संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि सरकार ने कभी ऐसी बातें नहीं कही है कि सदस्य अपने क्षेत्र का ही सवाल पूछें। वे कहीं की बात को उठा सकते हैं। सदस्य स्वतंत्र है किसी भी क्षेत्र का सवाल उठाने को लेकर। हंगामा शांत नहीं होते देख पीठासीन सदस्य डा प्रेम कुमार ने सदन ककार्यवाही १५ मिनट तक चलने के बाद भोजनावकाश तक के लिए स्थगित कर दिया।