वाराणसी

पारा पहुंचा आठ, रोम-रोम कंपकंपाया


गलन और शीतलहर का बना है सितम, दो दिन बाद हुए भगवान भास्कर के दर्शन
कड़ाके की ठंड कम होने का नाम नहीं ले रही है और आलम यह है कि जनजीवन को इसने बुरी तरह प्रभावित किये रखा है। भोर से रात तक गलन और शीतलहर के कारण लोगबाग कंपकंपा रहे हैं। बीते एक सप्ताह से गलन में इजाफा हो गया है और सोमवार को भी यह हाल बना हुआ था। दो दिन बीत जाने के बाद सूर्यदेव के दर्शन हुए और इसके लिये भी लोगों को आधा दिन बीतने का इंतजार करना पड़ा। इस बीच दिन का अधिकतम तापमान 18.6 डिग्री सेल्शियस और न्यूनतम तापमान 8.2 डिग्री सेल्शियस दर्ज किया गया। मौसम विज्ञानियों ने बताया कि ठंड का मिजाज अभी इसी तरह बना रहने की आशंका है और कोल्ड फ्रंट के निकल जाने के बाद ही गलन से राहत मिलेगी।
भोर में बादलों की आवाजाही से ही मौसम बदलने के संकेत मिलने लगे थे। दिन शुरू हुआ तब भी बादल बने हुए थे और आधा दिन बीत जाने के बाद भगवान भास्कर ने दर्शन दिये तो लोगों के चेहरे खिल गये। आनन-फानन लोगों ने अपने कार्य पूरे किये और आवश्यक कार्यों से निकले। धूप होने के बावजूद सर्द हवा और गलन का सितम बना हुआ था। सूर्यास्त से काफी देर पहले ही सूर्यदेव बादलों की ओट में चले गये और इसका नतीजा हुआ कि लोग गलन से कंपकंपा रहे थे। हालांकि इससे पहले धूप से राहत की कोशिश हुई और सार्वजनिक स्थानों पर लोगों की भीड़ धूप में बैठी हुई थी। घाटों और पार्कों में लोग जुटे रहे। शाम को सूर्यास्त होने के बाद गलन में इजाफा हुआ। लोगों ने बच्चों और वृद्घों के लिये विशेष सावधानी बरती और उन्हें शाल, मोजे और गर्म कपड़े से लाद दिया। दूसरी ओर, ग्रामीण इलाकों में सर्दी का जोर रहा। यहां खेतों में उतरे किसानों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ा। पूरे दिन बर्फीली हवा और गलन का क्रम बना हुआ था। पूरे दिन लोगबाग ठंड से राहत के लिये इंतजाम में लगे हुए थे। गलन और सर्द हवा से राहत के लिये लोगों ने घरों के बाहर अलाव जलाया और खेती-किसानी पर चर्चा करते दिखे। रात में कुहासा होने से वाहन चालकों की दिक्कत भी शुरू हो गई है और एहतियातन लोग रात की यात्रा करने से भी परहेज कर रहे हैं। रात्रि में खराब मौसम के कारण सड़कों पर जल्दी सन्नाटा हो गया। जरूरी कार्यों से ही लोग घरों के बाहर निकले। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के मौसम विज्ञानी डाक्टर एसएन पांडेय ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के साथ ही कोल्ड फ्रंट का कहर बना हुआ है। कोल्ड फ्रंट के पास होने के कारण ही गलन और बर्फीली हवा का कोप है। इसके निकलने के बाद तापमान में भी बढ़ोत्तरी होगी।
जनजीवन प्रभावित, वाहनोंकी रफ्तार प्रभावित
अचानक ठंड में इजाफा होने, गलन बढऩे और कुहासे का क्रम होने से जनजीवन प्रभावित हो गया है। इसका असर यह हो गया है कि लोग घरों में दुबक गये हैं और जरूरत के कार्यों से ही बाहर निकल रहे हैं। व्यापारिक वाहनों और जनपद में जरूरी सामानों की आपूर्ति मौसम बिगडऩे के कारण प्रभावित होने लगी है। बाजार देर में गुलजार हो रहे हैं और सुबह काफी देर तक सड़क से लेकर गलियां तक सन्नाटे की जद में रह रही हैं।