शहबाज शरीफ सरकार ने गुरुवार को आधिकारिक तौर पर “राष्ट्रीय आपातकाल” (national emergency) की घोषणा की थी। बारिश और बाढ़ से संबंधित घटनाओं के बाद 900 से अधिक लोग मारे गए हैं और कम से कम 30 मिलियन शेल्टर्स के बिना रह रहे हैं।
पाकिस्तान के विदेश कार्यालय (एफओ) के प्रवक्ता असीम इफ्तिखार ने शुक्रवार को कहा, यह पाकिस्तान के लिए बड़ी चुनौती है, क्योंकि अत्यधिक बारिश और बाढ़ ने देश के विभिन्न हिस्सों, खासकर सिंध और बलूचिस्तान में भारी तबाही मचाई है। इस दौरान उन्होंने पुष्टि की कि संयुक्त राष्ट्र बाढ़ से प्रभावित लोगों की मदद के लिए सहायता के लिए एक अंतरराष्ट्रीय अपील शुरू करने जा रहा है।
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार ने असीम के हवाले से कहा, लगभग 33 मिलियन लोग प्रभावित हुए हैं। करीब एक हजार लोगों की जान चली गई है। बुनियादी ढांचे के बह जाने के कारण बचाव और राहत कार्यों में मुश्किलें आ रही हैं।
पाकिस्तानी प्रवक्ता ने कहा कि ये आपदा इतनी बड़ी है कि इसे अंतरराष्ट्रीय समुदाय से तत्काल सहयोग और समर्थन की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि हम संयुक्त राष्ट्र, आइएफआइ और हमारे कई सहयोगियों और मित्र देशों के आभारी हैं जो सहायता के लिए आगे आए हैं। मंगलवार 30 अगस्त को जिनेवा और इस्लामाबाद से एक साथ संयुक्त राष्ट्र फ्लैश अपील भी शुरू होने जा रही है।
बाढ़ ने पूरे देश में व्यापक तबाही मचाई है। जून के मध्य से लाखों बच्चे, महिलाएं और पुरुष प्रभावित हुए हैं और एक हजार से अधिक लोगों की जान चली गई है। लोगों ने अपने घर, पशुधन, फसल के लिए तैयार फसलें और अपनी आजीविका का एकमात्र स्रोत खो दिया है। देश भर में बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान हुआ है और सड़कें, पुल और इमारतें बह गई हैं।
सरकार खोज और बचाव अभियान चला रही है, राहत सामग्री मुहैया करा रही है। संयुक्त राष्ट्र और गैर-सरकारी संगठन सहायता प्रदान करने के लिए सरकार के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।
संयुक्त राष्ट्र केंद्रीय आपातकालीन प्रतिक्रिया कोष (CERF) ने बाढ़ से निपटने के लिए पाकिस्तान में संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों और भागीदारों को 30 लाख अमेरिकी डॉलर आवंटित किए हैं।
मानवीय मामलों के समन्वय के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (OCHA) ने कहा, इसका उपयोग बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य, पोषण, खाद्य सुरक्षा और पानी और स्वच्छता सेवाओं के लिए किया जाएगा।
पाकिस्तान में मानवीय स्थिति पिछले दो हफ्तों में और खराब हो गई है क्योंकि भारी बारिश से बाढ़ आ रही है, और भूस्खलन के कारण देश भर में विस्थापन और क्षति हुई है।
बता दें कि पाकिस्तान सरकार द्वारा 66 जिलों को आधिकारिक तौर पर ‘आपदा प्रभावित’ घोषित कर दिया गया है, जिसमें बलूचिस्तान में 31, सिंध में 23, खैबर पख्तूनख्वा (केपी) में 9 और पंजाब में 3।
आपदा के कारण कई और जिले प्रभावित हुए हैं। बारिश जारी रहने के कारण आपदा घोषित जिलों की संख्या बढ़ने की उम्मीद है।