मेंगलुरु, । कर्नाटक चुनाव के लिए मंगलवार को कांग्रेस ने घोषणापत्र जारी कर कहा कि यदि वे सत्ता में आती है तो वह विश्व हिंदू परिषद की युवा ईकाई बजरंग दल को बैन कर देंगे। कांग्रेस की इस घोषणा से राज्य की सियासत गरमा गई। बीजेपी ने इसका जमकर विरोध किया। वहीं, अब कर्नाटक के ऊर्जा मंत्री वी सुनील कुमार ने भी इस कदम की कड़ी आलोचना की है। यहां तक की उन्होंने यह कह दिया है कि कांग्रेस ने बजरंग दल को बैन करने का फैसला मुसलमानों को खुश करने के लिए उठाया है।
‘बजरंग दल असामाजिक संगठन नहीं’
वी सुनील कुमार ने अपने ट्विटर हैंडल पर ट्वीट कर कहा कि बजरंग दल एक असामाजिक संगठन नहीं है और यह हिंदू समुदाय और गोमाता (गाय माता) की सुरक्षा के लिए प्रयास करता है। ऊर्जा मंत्री बजरंग दल के राज्य संयोजक भी रह चुके हैं। उन्होंने कहा कि बजरंग दल कार्यकर्ताओं की एक टीम है जो हिंदू कारणों के लिए किसी भी बलिदान के लिए तैयार हैं।
वी सुनील कुमार ने हैरानी जताई कि क्या कांग्रेस सिर्फ इसलिए बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाना चाहती है क्योंकि भाजपा ने पिछले साल पीएफआई पर प्रतिबंध लगा दिया था। उन्होंने कहा कि मुसलमानों को खुश करने के लिए कांग्रेस ने यह फैसला किया है। समाज कल्याण मंत्री कोटा श्रीनिवास पुजारी ने कहा कि कांग्रेस देशभक्त संगठन और असामाजिक संगठन के बीच अंतर नहीं जानती है।
भाजपा नेताओं ने क्या की टिप्पणी
दक्षिण कन्नड़ जिले के भाजपा विधायकों और नेताओं ने भी कांग्रेस द्वारा अपने घोषणापत्र में की गई प्रतिज्ञा की निंदा की। मंगलुरु उत्तर के विधायक भरत वाई शेट्टी ने कहा कि आश्वासन स्पष्ट रूप से साबित करता है कि कांग्रेस पूरी तरह से ‘हिंदू विरोधी’ है। मेंगलुरु के दक्षिण विधायक वेदव्यास कामथ ने कहा कि कांग्रेस हमेशा की तरह तुष्टिकरण की राजनीति कर रही है, जबकि भाजपा दक्षिण कन्नड़ जिला अध्यक्ष सुदर्शन मुदबिद्री ने कहा कि इस वादे ने कांग्रेस की मानसिकता को उजागर कर दिया है।