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बाबू हमर तै सब कुछ लूट गैले हो; अब घर के देखभाल के करते हो पत्रकार विमल की हत्या पर छलका मां-बाप का दर्द


अररिया/फुलकाहा/फारबिसगंज/भरगाता। बिहार के अररिया जिले के रानीगंज में पत्रकार विमल कुमार यादव की हत्या के बाद गांव बेलसारा में माहौल गमगीन है। यहीं अंतिम संस्कार किया गया।

उधर, शनिवार को बिहार पुलिस ने जानकारी दी है कि पत्रकार की हत्या के आठ नामजद आरोपियों में से चार को गिरफ्तार कर लिया गया है। दो जेल में बंद हैं और दो फरार हैं।

इस बीच मृतक विमल के पिता हरेंद्र प्रसाद सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि विमल ने पुलिस को बताया था कि उसकी जान को खतरा है। उसने 3-4 दिन पहले ही पुलिस से सुरक्षा की गुहार लगाई थी।

विमल के पिता बोले- हमको भय लग रहा है…

सुरक्षा के लिए अब क्या मांग करेंगे। कोई मार ही देगा तो कुछ होगा? जिसका उम्मीद था वो तो चला गया। अब इसको मरिए देगा तो लोग तो उठाकर फेंकिये देगा… अपराधी को सजा को मिल जाता तो अभी घटना होता थोड़ी। 19 में घटना हुआ तो उसका कोई सजा नहीं मिला। सुरक्षा का मांग किए हैं बाल-बच्चे का। कहां पर रखेंगे कैसे रखेंगे। ये भी हमको भय लग रहा है। पुलिस को चार-पांच दिन पहले ही कह चुके थे कि हमारे ऊपर खतरा लग रहा है, आप हमको सुरक्षा बल दे दीजिए।

ई अवस्था में दो बेटा के मौत हो गैले हो…

बाबू हमर तै सब कुछ लूट गैले हो, ई अवस्था में दो बेटा के मौत हो गैले हो, अब घर के देख रेख के करतै हो। यह चित्कार थी विमल के बुजुर्ग माता-पिता का।

बेटे की हत्या के बाद बुढ़ी मां, पिता, पत्नी एवं बहन का रो रोकर बुरा हाल था। मां रोते-रोते कहती है, दोनों पुत्र की हत्या हो गई। आखिर मेरे परिवार का भरण पोषण करने वाला कोई नहीं बचा।

तीन अबोध बच्चा। दो विधवा बहू। मां कहती हैं परिवार का अब भरण पोषण कौन करेगा। बिमल की मां, पिता, पत्नी एवं पुत्र पुत्री शव से लिपटकर रो रोकर कहते हैं हे भगवान अब कै परिवार के भरण पोषण करते।

वहीं, बहन विभा देवी सदर अस्पताल में बार-बार अपने भाई को जगाने की बात कहकर बेसुध हो जा रही थी। कहती थी अब राखी किसको बांधेंगे।

दो पुत्र की हत्या के बाद बुढ़ी मां पिता टूट चुका है। रो रोकर सूखी आंख से बेसुध होकर देख रही थी। बार बार रो रोकर कहती थी भगवान यह दिन देखने से पहले हम बुढ़ा बुढ़ी इस दुनिया से चले जाते तो अच्छा रहता।

पत्नी ने भी कहा था- हथियार का लाइसेंस मिल जाता तो नहीं घटती घटना

रानीगंज में पत्रकार विमल कुमार यादव की हत्या के बाद परिवार के लोग शोकाकुल हैं। सदर अस्पताल पहुंचे स्वजन का रो-रोकर बुरा हाल था।

विमल के दोनों बच्चे टकटकी लगाए मां को रोते हुए देख रहे थे। वहां मौजूद लोग भी इस दृश्य को देख विह्वल हो उठे, आखिर इन छोटे-छोटे बच्चों की परवरिश कैसे होगी।

विमल की पत्नी पूजा और बहन विभा देवी दहाड़े मारकर रो रही थी। पूजा पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कह रही थी कि अगर हथियार का लाइसेंस मिल गया होता तो यह घटना नहीं होती।

वहीं पास में बैठे दोनों बच्चे अभिनव आनंद व रोमा टकटकी लगाए हुए मां को देख रहे थे। विमल के छोटे भाई गब्बू यादव की 2019 में हत्या कर दी गई थी।

इस मामले में विमल कुमार यादव गवाह थे। उन्हें भी अपने ऊपर हमले की आशंका थी। उन्होंने तीन महीने पहले हथियार का लाइसेंस लेने के लिए आवेदन किया था, जो कागजी प्रक्रिया के चलते अटका हुआ था।

हालांकि, पुलिस का कहना है कि विमल ने हथियार के लिए कोई आवेदन नहीं किया था। घटना को लेकर जिला पत्रकार संघ ने हत्यारे की गिरफ्तारी की मांग एसपी से की है।

पारस ने की नौकरी व मुआवजा की मांग

लोजपा (राष्ट्रीय) के राष्ट्रीय अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस व प्रदेश अध्यक्ष प्रिंस राज ने कहा कि महागठबंधन की सरकार बनते ही बिहार में अपराधियों का मनोबल बढ़ गया है। राज्य में विधि-व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है।

अपराधियों की शीघ्र गिरफ्तारी व कठोर कार्रवाई की मांग करते हुए पारस ने कहा कि पीड़ित परिवार को सरकार 25 लाख का मुआवजा व एक सदस्य को नौकरी दे। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता ललन चंद्रवंशी ने बताया कि अपने बड़े भाई की हत्या के एकमात्र गवाह विमल कुमार ही थे।