पटना

बिहार के 118 सरकारी आईटीआई में 11 नये व्यवसाय को मंजूरी


      • 28 सरकारी महिला आईटीआई में 4 नये व्यवसायों की होगी शुरूआत
      • आधुनिक बाजार मांग के अनुरूप ही जोड़े जा रहे हैं 15 नये व्यवसाय : जिवेश

(आज समाचार सेवा)

पटना। श्रम संसाधन विभाग अंतर्गत कार्यरत ‘निदेशालय, नियोजन एवं प्रशिक्षण’ प्रदेश के युवाओं और युवतियों के कौशल विकास के साथ उन्हें रोजगार से जोड़े जाने हेतु निरतंर प्रयत्नशील है। वर्तमान में रोजगार की समस्या गंभीर है और सरकार का उदेश्य अधिक से अधिक लोगों को रोजगार मुहैया कराया जाना है।

ज्ञात है कि सरकारी क्षेत्र में रोजगार की संख्या सीमित है, जिसे निर्धारित सीमा से अधिक बढाया जाना वर्तमान में संभव नहीं है। अत: सरकार की प्राथमिकता अधिक से अधिक लोगों को आधुनिक तरीके से प्रशिक्षिण देते हुए उनका क्षमताविकास कर उन्हें स्वरोजगार से जोड़ा जाना और स्वालंबी बनाते हुए आत्मनिर्भर बनाया जाना है। कोविड-19 महामारी के प्रकोप ने बिहार राज्य में भी औद्योगिक क्रियाकलापों एवं आर्थिक गतिविधियों को प्रभावित किया है, जिससे आमजन के जीवन में बहुत सारे उतार-चढ़ाव देखने को मिला है।

मंत्री द्वारा विभागीय स्तर पर की गयी समीक्षा में यह निष्कर्ष निकला की वर्त्तमान परिस्थितियों के कारण राज्य में जहाँ एक ओर रोजगार को बढ़ाये जाने की आवश्यकता महसुश की जा रही है वहीँ दूसरी ओर राज्य की अर्थव्यवस्था पर भी बल दिया जाना अतिआवश्यक है। औद्योगिक क्रियाकलापों एवं आर्थिक गतिविधियों को गति दिए जाने के साथ सामाजिक स्तर पर लोगों को सबल बनाना तो है ही साथ ही मानसिक रूप से आमजनों को प्रेरित कर स्वरोजगार से जोड़े जाने एवं विभिन्न विकल्पों का चयन कर आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर किये जाने हेतु नए रोजगार के अवसर उत्पन्न किया जाना है।

वर्तमान परिस्थितियों के अवलोकनोपरांत एवं आधुनिक बाजार के मांग के अनुरूप प्रशिक्षण संस्थानों में उपलब्ध आधारभूत संरचना के मद्देनजर पूर्व से स्थापित औद्योगिक प्रशिक्षण सस्थानों में से अलोकप्रिय अथवा पुराने व्यवसायों (स्टेनोग्राफर एंड सेक्रेटेरियट असिस्टेंट इंग्लिश-हिंदी  और 2 हाउस कीपर और फ्रंट ऑफिस असिस्टेंट) को स्थगित कर उनके स्थान पर नये 11 व्यवसायों (1. इलेक्ट्रिशियन पॉवर डिस्ट्रीब्युसन 2. इन्टरनेट ऑफ़ थिंग्स टेकनिशियन स्मार्ट एग्रीकल्चर 3. इन्टरनेट ऑफ़ थिंग्स टेकनिशियन स्मार्ट सिटी, 4. इन्टरनेट ऑफ़ थिंग्स टेकनिशियन स्मार्ट हेल्थ केयर, 5. मेशिनिष्ट 6. सोलर टेकनिशियन इलेक्टिकल 7. टेकनिशियन मेकेट्रोनिक्स, 8. पलम्बर 9. मेकेनिक ऑटो बॉडी पेंटिंग, 10. मेकेनिक ऑटो बॉडी रिपेयर और 11. मेकेनिक रेफरीजेशन एंड एयर कंडीसन) को जोड़ते हुए कुल 118 यूनिट प्रारंभ किया जाएगा। इन सभी नए व्यवसायों से प्रशिक्षित युवाओं को रोजगार आसानी से उपलब्ध हो सकेगा साथ ही वे सभी सुगमता से स्वरोजगार को भी अपना सकते हैं।

राज्य की आधी आबादी को रोजगार से जोड़े जाने हेतु भी सरकार प्रतिबद्ध है, जिसके लिए अधिक से अधिक महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाये जाने हेतु निदेशालय स्तर से निरतंर प्रयास जारी है। समीक्षा के दौरान यह पाया गया की परम्परागत व्यवसायों को लेकर महिलाओं की रूचि में कमी आई है, साथ ही बाजार में उनके उत्पादों की मांग अधिक नहीं होने के कारण उन्हें आर्थिक क्षति के साथ उनके उत्साह और मनोबल में कमी भी देखी गयी है। जिसके अलोक में निदेशालय उन्हें कुशल और सबल बनाये जाने हेतु उनके अनुरूप 4 नए व्यवसायों (1. एडिटिव मैनू फैक्टेरिंग टेकनिशियन 3डी प्रिंटिंग, 2. इन्टरनेट ऑफ़ थिंग्स टेकनिशियन स्मार्ट हेल्थ केयर 3. मेकेनिक कंप्यूटर इलेक्ट्रॉनिक अपलायंस 4. कंप्यूटर एडेड एम्ब्रायोडरी एंड डिज़ाइनिंग ) आधुनिक व्यवसायों को राज्य के 28 महिला औद्योगिक प्रशिक्षण केन्द्रों में प्रारंभ किया जायेगा।

मंत्री जिवेश कुमार ने आश्वत किया कि प्रदेश के श्रमिकों एवं युवाओं को आत्मनिर्भर बनाये जाने एवं स्वरोजगार हेतु प्रेरित किये जाने के साथ राज्य में उनकी क्षमता के अनुरूप रोजगार दिलाने के उदेश्य से श्रम संसाधन विभाग, निरंतर क्रियाशील है और पूरी तन्मयता के साथ अग्रेतर करवाई करता रहेगा।