(आज शिक्षा प्रतिनिधि)
पटना। तीन वर्षों से लगातार देश में सबसे पहले इंटरमीडिएट का रिजल्ट जारी कर बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने हैट्रिक कीर्तिमान स्थापित किया है। कोरोना महामारी से जनित चुनौतियों के बीच बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा देश में सबसे पहले परीक्षा आयोजित की गयी।
उच्च तकनीक एवं परीक्षा व्यवस्था के मामले में बिहार विद्यालय परीक्षा समिति देश का सर्वश्रेष्ठ बोर्ड बन गयी है। यह देश का पहला बोर्ड है, जिसने लगातार तीसरे वर्ष भी इंटरमीडिएट का रिजल्ट मार्च में जारी किया है। इंटरमीडिएट में प्री-प्रिंटेड कॉपी एवं ओएमआर शीट (बारकोड एवं लिथोकोड के साथ) पर परीक्षार्थियों के फोटो की व्यवस्था इस वर्ष भी लागू रही।
कई नये कम्प्यूटराइज्ड फॉर्मेट्स विकसित किये गये। लगातार तीसरे वर्ष बारकोडेड कॉपियों के अंकों की प्रविष्टि सीधे मूल्यांकन केंद्रों से कम्प्यूटर के माध्यम से की गयी। इस वर्ष भी सभी विषयों के प्रश्नपत्रों के 10 सेट तैयार कराये गये। पहली बार विद्यार्थियों के हित में सभी विषयों के ऑब्जेक्टिव एवं सब्जेक्टिव दोनों में 100 प्रतिशत अतिरिक्त प्रश्नों के विकल्प दिये गये। इससे बिहार बोर्ड के टॉपरों को बेहतर अंक मिले हैं।
इस वर्ष का इंटरमीडिएट रिजल्ट न सिर्फ बिहार में बल्कि पूरे देश में रिकार्ड समय के अंदर सबसे पहले प्रकाशित किया गया, जो अत्यंत महत्वपूर्ण उपलब्धि है। उच्च तकनीक का प्रयोग करते हुए गुणवत्ता के साथ परीक्षाफल तैयार किया गया है।
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष आनन्द किशोर ने विशेष रूप से समिति के पदाधिकारियों एवं कर्मियों को धन्यवाद एवं बधाई दी है। उन्होंने कहा है कि परीक्षा कार्य से जुड़े समिति के पदाधिकारियों एवं कर्मियों को प्रशस्ति पत्र देने के साथ-साथ पुरस्कृत भी किया जायेगा।