- आरजेडी ने ट्वीट कर कहा, ” बिहार सरकार को श्वेत पत्र जारी कर बताना चाहिए कि कोरोना की दूसरी लहर में देश में अन्य राज्यों की अपेक्षा कागज पर कम कोविड सम्बंधित मृत्यु दिखाने के बावजूद देश में सर्वाधिक बिहार में ही डॉक्टरों की मृत्यु (78) क्यों हुई?”
पटना: कोरोना की दूसरी लहर आम लोगों के साथ-साथ फ्रंट लाइन में काम कर रहे डॉक्टरों पर भी कहर बरपा रही है. कोरोना काल में दिन-रात कोविड मरीजों के इलाज में लगे कई डॉक्टरों की अब तक कोरोना के जद में आकर मौत हो गई है. बीते दिनों आईएमए ने इस संबंध में एक आंकड़ा जारी किया है. आंकड़े के अनुसार कोरोना काल में बिहार में सबसे ज्यादा 78 डॉक्टरों की मौत हुई है. अब इस बात पर राजनीति शुरू हो गई है.
राज्य सरकार जारी करे श्वेत पत्र
बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी आरजेडी ने आईएमए के आंकड़ों के लेकर राज्य सरकार पर निशाना साधा है. आरजेडी ने मंगलवार को अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर कहा, ” बिहार सरकार को श्वेत पत्र जारी कर बताना चाहिए कि कोरोना की दूसरी लहर में देश में अन्य राज्यों की अपेक्षा कागज पर कम कोविड सम्बंधित मृत्यु दिखाने के बावजूद देश में सर्वाधिक बिहार में ही डॉक्टरों की मृत्यु (78) क्यों हुई?प्रभावित परिवारों के लिए आईएमए को चंदा जमा क्यों करना पड़ा?”
डॉक्टरों की मौत पर व्यक्त किया शोक
इधर, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव कोरोना काल में डॉक्टरों की मौत पर शोक व्यक्त किया है. तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर कहा, ” बिहार ने देश में डॉक्टरों की अधिकतम मृत्यु देखी. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि सुरक्षा मानक और कोविड प्रोटोकॉल के अनुसार डॉक्टरों को सुरक्षात्मक गियर (पीपीई किट, एन 95 मास्क आदि) प्रदान करने में सरकार विफल रही. मैं डॉक्टरों की मृत्यु पर शोक व्यक्त करता हूं और शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं.”