पटना

बिहारशरीफ: अनलॉक होते ही प्रावधानों की उड़ने लगी धज्जियां, स्थिति ऐसी दिखी मानों कोविड हो चुका है समाप्त


      • हार्डवेयर के नाम पर भराव पर इलाके में रोज खुल रही है सभी तरह की दुकान
      • शहर की सड़कों पर हजार की संख्या में चाय और नाश्ता दुकान लोगों को सर्व कर रहा है खाद्य पदार्थ
      • अनलॉक होते हीं शहर के चौक-चौराहे जाम होने लगे चारपहिया और दोपहिया वाहनों से
      • ना लगा रहे हैं मास्क और ना हो रहा है सोशल डिस्टेंसिंग का पालन

बिहारशरीफ (आससे)। राज्य सरकार ने आज से लॉकडाउन समाप्त कर अनलॉक क्या किया मानो पूरा शहर सड़कों पर उतर गया। कई तरह के बंदिशों के बावजूद बंदिशों की धज्जियां भी उड़ती दिखी। स्थिति यह रही कि मानो कोरोना समाप्त हो गया हो। सड़क पर चलने वाले लोग अब मास्क भी उतारने लगे है। सोशल डिस्टेंसिंग तो नाम की चीज रह गयी है। नियम के विरुद्ध भी दुकानें खोली जा रही है। विडंबना तो यह है कि लंबा-चौड़ा आदेश निर्गत करने वाला जिला प्रशासन और राज्य सरकार का कोई रहनुमा इसे फॉलो कराने के लिए सामने नहीं आ रहा है। हालात यह रही तो सरकार का शायद सभी प्रयास निरर्थक ही रह जायेगा। यह कहना गलत नहीं होगा कि अनलॉक किये गये मामले की बीच से प्रतिबंध को हटा देनी चाहिए क्योंकि प्रतिबंध सिर्फ कागजों तक सीमित रह गयी है।

बीते कल राज्य सरकार के निर्णय के आलोक में आज 09 जून से लॉकडाउन समाप्त कर दिया गया है। अब सिर्फ नाइट कर्फ़्यू लागू है। हालांकि दुकानों को खोलने के लिए प्रावधान लागू किया गया है। ऑड और इवेन पद्धति से दुकान खोलने का प्रावधान है। बावजूद इसके कई प्रकार की ऐसी दुकानें भी रोज खुल रही है जो छूट के दायरे में नहीं है। मिसाल के तौर पर हार्डवेयर के नाम पर सभी तरह के दुकानें खुल रही है चाहे वह नट बेचने वाला हो या फिर सिनेटरी, फर्नीचर सामग्री, प्लाई, सनमाइका आदि-आदि। कार डेकर से लेकर सोफा मेकर तक की दुकानें रोज खुल रही है।

यह कोई आज से नहीं हुई है बल्कि लॉकडाउन पीरियड में भी ऑउ इवेन फॉर्मूला के तहत ये दुकानें बंद नहीं रह रही थी। स्थिति यह है कि पुरानी पटना रांची रोड में एक भी दुकानें बंद नहीं रह रही है और ना ही नियमों का पालन हो रहा है। भराव पर के इर्द-गिर्द इलाके में तो हाल और भी बुरा है। यही वजह है कि रोज भीड़ लग रही है।

इसके अलावे अनलॉक होते हीं सड़कों पर आज दोपहिया से लेकर चौपहिया वाहनों तक की लंबी कतारें दिखने लगी। शहर के कई चौराहों पर जाम की स्थिति रही। बेवजह भी लोग सड़कों पर घूमने को निकल पड़े। प्रावधान है कि वाहन पर चलने वाले हर लोग को मास्क लगाना है, पैदल चलने वाले लोगों को भी मास्क का उपयोग करना है। दुकानदारों के लिए यह कंपलसरी है। इसके साथ ही सेनिटाइजर और सोशल डिस्टेंसिंग भी मेंटेन करना है। लेकिन दुकानदार तो इस तरह दुकानदारी करते दिख रहे हैं मानो अब मास्क लगाना अपराध हो गया है। चाहे भराव चौराहा हो या पुल चौराहा या करूणाबाग मोड़ हो या एतवारी बाजार या फिर रामचंद्रपुर बस पड़ाव या खंदकपर बस पड़ाव। सभी जगह भीड़ हीं भीड़ है।

इन सबके अलावे प्रशासन द्वारा यह निर्देशित किया गया है कि कहीं भी होटल और रेस्टोरेंट में खाना खिलाना वर्जित है लेकिन शहर के विभिन्न इलाकों में एक-दो नहीं बल्कि हजारों की संख्या में सड़क पर चाय और खोमचा की दुकान लगाकर लोगों को सरपट नाश्ता और भोजन कराया जा रहा है। पुल चौराहे पर तो लोगों को खूब मिठाई और नमकीन खिलाया जा रहा है। जबकि प्रावधान यह है कि खाद्य सामग्रियों का होम डिलवरी होना है। या फिर सिर्फ बिक्री की जानी है।

ग्रामीण क्षेत्र के बाजारों में तो स्थिति पहले से ही अनलॉक हो चुकी थी, लेकिन अब अचानक लोगों की भीड़ सड़कों पर उमड़ पड़ी है। भले ही जिलाधिकारी ने सभी अनुमंडल पदाधिकारी, सभी बीडीओ, सीओ के अलावे पुलिस अधीक्षक के माध्यम से एसडीपीओ और थानाध्यक्षों को प्रावधानों को लागू करने का जिम्मेवारी दिया था, लेकिन पूरे शहर में कहीं भी लोग गाइडलाइन का अनुपालन के लिए ना तो निकले दिखे और ना ही इसके लिए कहीं कोई छापामारी शुरू हुई।