पटना

बेगूसराय: बच्चे की उपस्थिति के बिना ही बना दिए जा रहे हैं एटेंडेंस, तो वहीं कई शिक्षक विद्यालय से नदारद


बेगूसराय (आससे)। निरीक्षण में कहीं बिना कारण कुछ शिक्षक गायब तो कहीं बिना बच्चे के बना दिया गया एटेंडेंस। इसी को लेकर माँगा गया स्पष्टीकरण। लेकिन स्कूलों का संचालन ठीक से नहीं हो पा रहा है। अधिकतर स्कूलों में तो शिक्षक ही गायब रह रहे हैं। जबकि किसी-किसी स्कूलों में बच्चों की संख्या कम रहने के बावजूद छात्रोपस्थिति पुस्तिका में संख्या से कई गुणा अधिक उपस्थिति दिखाई जा रही है।

मालूम हो कि कोरोना के बाद स्कूल खुलने के बाद शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा लगातार विभिन्न प्रखंडों में स्कूलों का निरीक्षण किया जा रहा है। जिसमें हरेक दिन स्कूलों में खामियों को लेकर शिक्षा विभाग कार्रवाई का पत्र बना रही है। लेकिन इसका कोई असर शिक्षकों पर नहीं है।हाल ही में 21 अगस्त को हुई निरीक्षण में डंडारी के उत्क्रमित प्लस टू विद्यालय कटरमाला के शिक्षक दयमती कुमारी, आशोक कुमार पासवान, प्रीति कुमारी और दीप्ती कुमारी से डीईओ ने स्पष्टीकरण पूछा है।

इस संबंध में डीईओ ने पत्र जारी करते हुए कहा है कि प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी द्वारा 21 अगस्त को निरीक्षण में उक्त शिक्षक अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित थे। उन्होनें कहा है कि यह अत्यंत खेद का विषय है। अपने पत्र में डीईओ ने उक्त सभी शिक्षकों को कहा है कि क्यों नहीं उक्त आरोप में नो वर्क नो पे के अधार पर निरीक्षण दिन का वेतन स्थगित किया जाय। डीईओ ने सभी शिक्षकों से तीन दिन के अंदर स्पष्टीकरण मांगा है।

इसी प्रकार डंडारी के मध्य विद्यालय कटरमाला के एचएम विनय कुमार पासवान, शिक्षिका नीतू कुमारी, मनीषा कुमारी, निभा कुमारी, सरिता कुमारी, गुंजन कुमारी, कंचन माला, रेखा कुमारी, संजीत कुमार, मीना कुमारी, कल्पना कुमारी, बेबी कुमारी, मुन्नी कुमारी, कौशल कुमार, हुश्न आरा, कुमारी रेखा, रेखा कुमारी और मध्य विद्यालय सुधरन के प्रमोद कुमार, गंगा कुमारी, ममता कुमारी, कंचन कुमारी, रानी कुमारी और सीमा कुमारी से स्पष्टीकरण पूछा है। डीईओ ने कहा है कि मध्य विद्यालय कटरमाला और मध्य विद्यालय सुघरन में शिक्षक और शिक्षिका बिना किसी कारण के विद्यालय से अनुपस्थित थे। उन्होनें सभी को पत्र भेजते हुए कहा है कि क्यों नहीं उक्त आरोप के लिए नो वर्क नो पे के आधार पर निरीक्षण तिथि का वेतन स्थगित कर दिया जाए।

बताते चलें कि जिले में निरीक्षण का कार्य शिक्षा विभाग के पदाधिकारी के द्वारा किया जा रहा है इसके बावजूद कई शिक्षक विद्यालय से नदारद रहते हैं निरीक्षण में डीईओ रजनीकांत प्रवीण से लेकर सभी बीईओ शामिल हैं। हर दिन हरेक अधिकारी को स्कूलों के निरीक्षण का लिस्ट मिलता है। जिसके आधार पर अधिकारियों को उक्त सभी स्कूलों का निरीक्षण कर निरीक्षण प्रतिवेदन कार्यालय को जमा करना होता है। सूत्रों की माने तो निरीक्षण तो जरूर हो रहा है, जिसमें व्यापक अनियमितता भी सामने आ रही है। लेकिन अब तक किसी कार्रवाई के नाम पर कुछ विशेष नहीं किया गया है।