लंदन ओलिंपिक-2012 (London Olympics) में भारत को कांस्य पदक दिलाने वाले निशानेबाज गगन नारंग (Gagan Narang) सहित देश को अंजलि भागवत जैसे निशानेबाज देने के वाले कोच संजय चक्रवर्ती का 79 साल की उम्र में निधन हो गया. भारत को बेहतरीन निशानेबाज देने वाले कोच का निधन शनिवार रात को हुआ. द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित चक्रवर्ती ने चार दशक के अपने करियर के दौरान कई उभरते हुए निशानेबाजों की मदद की जिन्होंने बाद में देश का नाम रोशन किया.
उनके निधन की खबर सबसे पहले ओलिंपियन जॉयदीप करमाकर ने ट्विटर पर साझा की. करमाकर ने ट्वीट किया, “काफी दुख के साथ द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता निशानेबाजी कोच और मेंटर संजय चक्रवर्ती सर के मुंबई में कुछ घंटे पहले निधन की दुखद खबर दे रहा हूं. मेरी संवेदनाएं उनके परिवार के साथ हैं.”
एनआरएआई ने भी जताया दुख
संजय के निधन पर भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ (एनआरएआई) ने भी दुख व्यक्त किया है. एनआरएआई ने बयान में कहा, “एनआरएआई द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता संजय चक्रवर्ती के निधन पर शोक जताता है. वह संजय सर के नाम से पहचाने जाते थे और पिछले काफी समय से बीमार थे. उन्होंने कई ऐसे निशानेबाजों को ट्रेनिंग दी जिन्होंने राजीव गांधी खेल रत्न और अर्जुन पुरस्कार हासिल किए. उनसे ट्रेनिंग लेने वाले अंतरराष्ट्रीय पदक विजेताओं की सूची काफी लंबी है. भागवान उनकी आत्मा को शांति दे.”
साई ने भी व्यक्त की संवेदना
भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) ने भी एक ट्वीट कर कोच के निधन पर शोक व्यक्त किया है. साई ने ट्वीट किया, “साई द्रोणाचार्य अवार्डी कोच संजय चक्रवर्ती के निधन पर शोक व्यक्त करता है. उन्होंने भारत को शानदार निशानेबाज दिए हैं और हमारे ओलिंपियन निशानेबाजों के कोच एवं मेंटॉर रहे हैं. उनके परिवार और पूरे निशानेबाजी जगत के साथ हमारी संवेदनाएं.”