- नई दिल्ली. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने मंगलवार को देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण के बेकाबू होने के लिए लोगों के अस्पताल भागने की अनावश्यक कोशिशों को जिम्मेदार ठहराया है. संगठन ने कहा कि भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर के लिए भीड़ भरी सभाएं, ज्यादा संक्रामक कोरोना वैरिएंट्स और कम रफ्तार के साथ कोरोना टीकाकरण जिम्मेदार हैं. हालांकि लोगों के अस्पताल भागने की जल्दबाजी और भीड़ भरी सभाओं ने इसे बेकाबू कर दिया.
बता दें कि देश में कोरोना संक्रमण के चलते मरने वालों का आंकड़ा 2 लाख को छूने जा रहा है. अस्पतालों में बेड खाली नहीं हैं और ऑक्सीजन की कमी के चलते अस्पताल मरीजों को वापस लौटा दे रहे हैं. महामारी के समय डब्ल्यूएचओ भारत को क्रिटिकल उपकरणों की मदद दे रहा है, इनमें 4 हजार ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर्स शामिल हैं, जिनके इस्तेमाल के लिए सिर्फ बिजली की जरूरत होगी. डब्ल्यूएचओ के प्रवक्ता तारिक जसारेविक ने इस बारे में जानकारी दी.
उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण से पीड़ित कुल लोगों में सिर्फ 15 प्रतिशत को अस्पताल ले जाने की जरूरत पड़ती है, और इनमें से भी बहुत कम को ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती है. जसारेविक ने कहा, “फिलहाल, समस्या ये है कि लोग अपनों को लेकर बड़ी तेजी से अस्पताल भाग रहे हैं, क्योंकि उन्हें सही सूचना नहीं मिल रही है. घर पर रहकर कोरोना संक्रमण का सफलतापूर्वक इलाज हो सकता है.”
उन्होंने कहा कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को मरीजों की स्क्रीनिंग करनी चाहिए और सुरक्षित होम केयर के बारे में जानकारी देनी चाहिए. इसके साथ डैशबोर्ड और हॉटलाइन के साथ लोगों को सही सूचना दी जा सकती है. उन्होंने कहा कि जैसा भारत में हो रहा है, ऐसा किसी भी देश में हो सकता है. अगर लोग खुद को सुरक्षित रखने की गाइडलाइन का पालन नहीं करेंगे, भीड़ लगाएंगे और टीकाकरण की रफ्तार बेहद धीमी हो तो कोरोना वायरस का ज्यादा संक्रामक वैरिएंट्स कहीं भी कोहराम मचा सकता है.