मुंबई, । देश में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के बीच महामारी के इलाज में कारगर साबित हुई रेमेडिसविर दवा की कमी को लेकर बवाल मचा हुआ है। इस बीच रेमेडिसविर इंजेक्शन के काला बाजारी की खबरें भी सामने आ रही है। रविवार के एक अधिकारी ने कहा कि मुंबई पुलिस ने एक फार्मा कंपनी के निदेशक से पूछताछ के बाद बताया कि कोरोना वायरस के इलाज में इस्तेमाल की जाने वाली रेमेडिसविर दवा की हजारों शीशियों को देश से बाहर भेजने की योजना थी।
मुंबई पुलिस ने बताया कि उन्हें यह जानकारी मिली थी कि वा के निर्यात पर प्रतिबंध के बावजूद रेमेडिसविर की हजारों शीशियों का स्टॉक एयर कार्गो द्वारा विदेशों में भेजा जा रहा है। आपको बता दें कि रेमडेसिविर इंजेक्शन की सप्लाई करने वाले ब्रुक फार्मा के संचालक राजेश डोकानिया को पुलिस ने 17 अप्रैल को हिरासत में लेकर पूछताछ की थी। पुलिस ने राजेश डोकानिया के पास स्टॉक से अधिक मात्रा में दवा के होने के आरोप में पूछताछ की।
पुलिस द्वारा किए गए इस खुलासे के बाद अब महाराष्ट्र में रेमेडिसविर दवा को लेकर सियासत शुरू हो गई है। फार्मा निदेशक के खुलासे के बाद देर रात महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस सहित बीजेपी के कई शीर्ष नेता और समर्थक बीकेसी पुलिस स्टेशन पहुंच गए। यहां बीजेपी नेताओं ने डीसीपी मंजुनाथ शिंगे के कार्यालय में पुलिस अफसरों के साथ जमकर बहसबाजी की। बीजेपी ने ब्रुक फार्मा के संचालक राजेश डोकानिया पर पुलिस की कार्रवाई की विरोध किया।
पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने ब्रुक फार्मा के एक अधिकारी को हिरासत में लिया जो कि शर्मनाक घटना है। बीजेपी ने आरोप लगाया कि शिवसेना फार्मा अधिकारी को इसलिए परेशान कर रही है क्योंकि उन्होंने बीजेपी नेता से मुलाकात की थी। केंद्रीय मंत्री ने ब्रुक फार्मा को महाराष्ट्र में ज्यादा से ज्यादा रेमेडिसविर इंजेक्शन की सप्लाई देने को कहा था बावजूद इसके महाराष्ट्र सरकार महामारी पर गंदी राजनीति कर रही है।