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गहलोत ने मीडिया को दिखाया आईना, कहा- आप भारत जोड़ो यात्रा को नहीं दिखाया, अपना काम भूले


राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को मुख्यधारा की मीडिया से नाराजगी दिखाते हुए आरोप लगाया कि राष्ट्रीय मीडिया ने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का बहिष्कार किया है क्योंकि संपादक और मालिक दबाव में हैं। उन्होंने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मीडिया लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रूप में अपना कर्तव्य निभाने में पूरी तरह से विफल रहा है और इतिहास उसे माफ नहीं करेगा। कांग्रेस महासचिव (संचार और मीडिया प्रभारी) जयराम रमेश ने मौके पर मौजूद पत्रकारों का बचाव करते हुए कहा कि उन्हें दोष नहीं दिया जाना चाहिए क्योंकि वे तो अपना कर्तव्य निभा रहे हैं।

गहलोत ने कहा, ‘‘मेरा विशेष रूप से राष्ट्रीय मीडिया पर आरोप है कि उसने यात्रा को बहिष्कार कर रखा है। हमारे (पत्रकार) साथी यहां बैठे हुए हैं, इनकी कोई गलती नहीं है।.. आप तो अपना धर्म निभाते हैं लेकिन (आपके) मालिक लोग, सम्पादक दबाव में हैं, उन्होंने बहिष्कार किया है।” उन्होंने कहा कि क्या गजब की यात्रा है, जो सोशल मीडिया देखते हैं, वह गर्व करते हैं कि किस प्रकार से लाखों लोग जुड़ रहे हैं।

गहलोत का कहना था कि इसका मतलब यह हुआ कि नेशनल मीडिया जो साथ नहीं दे रहा है उसे सामाजिक सरोकार से मतलब नहीं है.. जिसके लिये मीडिया वह बना है। उन्होंने कहा, ‘‘मीडिया चौथा स्तंभ है .. इसकी अहमियत है।” उन्होंने कहा,‘‘ राहुल गांधी की सकारात्मक यात्रा है.. किसी के प्रति कोई दुर्भावना नहीं है। वह सबको गले लगा रहे हैं। अब बताईये इस देश को और क्या चाहिए।”

गहलोत ने मीडिया को चेतावनी दी, ‘‘ अगर ऐसी यात्रा को आप नहीं दिखायेंगे तो आप अपना कर्तव्य पूरा नहीं करेंगे। कान खोल कर सुन लीजिए.. नेशनल मीडिया वाले भी और स्टेट मीडिया वाले भी। इतिहास आपको माफ नहीं करेगा।” उन्होंने आरोप लगाया कि मीडिया दबाव में है। उन्होंने सवाल किया कि पहले जब भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी की यात्रा निकली थी तो क्या पूरे देश के मीडिया ने उसे नहीं उठाया था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मीडिया घरानों के भी ‘हाईकमान’ होते हैं और मीडिया के लोग भी तबादलों और पोस्टिंग से डरते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे मालूम है आपका स्थानांतरण एवं पदस्थापना होती है। आप भी तबादला से घबरा जाते हैं। और तो और कोरोना वायरस महामारी के नाम पर तनख्वाह एक लाख से घटाकर 70 हजार.. 30 हजार कर दी गई। मुझे मालूम है कि महामारी खत्म हो जाने के बाद तनख्वाह वापस नहीं बढ़ाई गयी।” उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए मैं कहना चाहूंगा कि आप अपने मालिक से कह दीजिए कि हम घबराने वाले नहीं है.. राहुल गांधी का रास्ता सच्चाई का है.. सत्य का रास्ता है.. अहिंसा का रास्ता है..उनका कारवां चल पड़ा है।”

गहलोत ने कहा कि जब सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर ने यात्रा में भाग लिया तो उनका विरोध किया गया। उन्होंने कहा कि वह ही क्यों, आरएसएस, भाजपा के लोग भी यात्रा से जुड़ सकते हैं। इसके बाद गहलोत के मीडिया पर तीखे हमले पर जयराम रमेश ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा “उन्हें दोष मत दीजिए अशोक जी। उनके पास भी आलाकमान हैं। उनके आलाकमान के लिये यात्रा की कोई मांग नहीं है। लेकिन कुछ पत्रकार हैं जो कन्याकुमारी से इस यात्रा को कवर कर रहे हैं। हमें उनके स्तर पर समर्थन और कवरेज मिल रहा है।” रमेश ने कहा कि यह अलग बात है कि मुख्यधारा की मीडिया में खबरों का कवरेज उम्मीद के मुताबिक नहीं होता।