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मुरादाबाद : सॉफ्टवेयर इंजीनियर को घर में किया Digital Arrest, फिर ठगे 11.95 लाख


 मुरादाबाद। साफ्टवेयर इंजीनियर को साइबर ठगों ने 24 घंटे तक डिजिटल हाउस अरेस्ट ( डिजिटल रूप से घर में बंधक बनाना) कर रखा। ड्रग्स और हवाला के केस का डर दिखाकर घर में कैद कर दिया और मुंबई एयरपोर्ट पर उनके नाम से आए पार्सल में ड्रग्स होने की बात करकर डरा धमकाकर उनसे 11 लाख 95 हजार 504 ठग लिए। ठगों ने इस हद तक अपनी बातों में उलझा दिया कि 24 घंटे तक साफ्वेयर इंजीनियर और उनकी पत्नी को किसी से संपर्क तक नहीं करने दिया। पीड़ित ने सिविल लाइंस थाने में आरोपित के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है।

 

साफ्टवेयर इंजीनियर के पास अंजान नंबर से आया कॉल

सिविल लाइंस के आशियाना कालोनी निवासी पीड़ित साफ्टवेयर इंजीनियर अंशुल विश्नोई ने बताया कि वह गुरुग्राम की कंपनी में नौकरी करते हैं। 15 मई की दोपहर करीब 12 बजे उनके मोबाइल पर एक अंजान नंबर से काल आई। जिसमें बताया गया कि फेड एक्स कंपनी का पार्सल रिटर्न हुआ है। इसके बाद काल कंपनी कस्टमर केयर पर ट्रांसफर कर दी गई।

तब उन्हें कस्टमर केयर ने बताया कि मुंबई एयरपोर्ट पर नारकोटिक्स डिपार्टमेंट ने एक पार्सल पकड़ा है। जिसके अंदर पांच पासपोर्ट, तीन बैंक क्रेडिट कार्ड, कुछ कपड़े, एक लैपटाप, 140 ग्राम ड्रग्स है। यह पार्सल ताइवान के लिए था। पासर्सल को मुंबई एयरपोर्ट पर नारकोटिक्स डिपार्टमेंट ने सीज किया है। इस पार्सल के साथ आपका आधार अटैच है। इसके अलावा आपके आधार कार्ड का इस्तेमाल अवैध पैसा ट्रांसफर (हवाला) के लिए किया गया है। आपके ऊपर मनी लाड्रिंग का मामला बन रहा है।

इसके अलावा भी इंजीनियर को कई तरह की बातें करके डराया गया। पीड़ित ने आरोपित से बताया कि उन्होंने न तो अपना आधार कार्ड कहीं दिया है और न ही किसी तरह का कोई पार्सल भेजा है। तब कस्टमर केयर ने बताया कि मुंबई क्राइम ब्रांच में अपनी शिकायत दर्ज करा दीजिए। इसके बाद केस खत्म हो जाएगा। इसके स्काई एप और वाट्सएप नंबर से काल आई। तब खुद को क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताने वाले ने कहा कि अगर वह अपनी जान बचाना चाहते हैं तो वित्तीय सत्यापन के लिए रुपये ट्रांसफर करने होंगे।

इसके बाद आरोपित के झांसे में आकर पीड़ित ने उसके बताए खाते में आठ लाख 22 हजार 484 और तीन लाख 73 हजार 24 रुपये ट्रांसफर कर दिए। करीब 24 घंटे पीड़ित और उसकी पत्नी को साइबर अपराधियों ने डराकर घर में कैद रखा। सीओ सिविल लाइंस अर्पित कपूर ने बताया कि तहरीर के आधार पर पीड़ित की तरफ से मामले में प्राथमिकी दर्ज करा दी गई है। इस तरह से कोई भी साइबर अपराधी फोन करे तो पुलिस को सूचित करें। किसी की धमकी में आने की जरूरत नहीं है।