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मोदी सरकार की विदेश नीति का असर, UAE देगा AIRBUS-330,


नई दिल्ली: मोदी सरकार की यूएई डिप्लोमेसी रंग ला रही है और उसका ताजा उदाहरण है एयरबस-330। यूएई की तरफ से भारत को एयरबस-330 मिलने वाला है, जिसके जरिए भारत फ्रांस से आने वाले राफेल विमानों में आसमान में ही तेल भर सकेगा। इस महीने के अंत में यूएई भारत को एयरबस-330 मल्टी रोल ट्रांसपोर्ट टैंकर देगा। भारत इसे खासतौर पर राफेल विमानों के लिए ले रहा है। एयरबस-330 के जरिए फ्रांस से आ रहे राफेल विमानों में भारत आसमान में ही तेल भर सकेगा और राफेल बिना किसी रूकावट के भारत तक पहुंच सकेगा।

मोदी की डिप्लोमेसी का नतीजा

भारत और यूएई इससे पहले रक्षा मामलों को लेकर कभी इतने नजदीक नहीं रहे हैं। लेकिन, 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने खाड़ी देशों के साथ काफी अच्छे संबंध बनाए। और उसी का नतीजा है कि यूएई भारत को एयरबस-330 मल्टी रोल ट्रांसपोर्ट टैंकर की मदद देने वाला है। दरअसल, अगले महीने यानि अप्रैल में फ्रांस से भारत को आठ और राफेल एयरक्राफ्ट मिल जाएंगे। जिसे भारत पश्चिम बंगाल के हासिमारा एयरबेस पर एक्टिवेट करने वाला है। हाशिमारा एयरबेस भारत के लिए कितना महत्वपूर्ण होने वाला है, ये आप इस बात से समझेंगे कि सिक्किम, भुटान और तिब्बत के ट्रायजंक्शन पर यह एयरबेस मौजूद है और यहां से चीन को डायरेक्ट निशाना बनाया जा सकता है। और यूएई की मदद से यह एयरबेस इस साल अप्रैल में एक्टिवेट हो रहा है।

UAE में राफेल की लैंडिग

इसस पहले भी फ्रांस से चार राफेल विमान भारत के लिए उड़ान भर चुकी थी और उसमें तेल खत्म होने लगा था। उस वक्त भी यूएई मदद के लिए सामने आ गया। यूएई एयरफोर्स का एयरबस 330 मल्टी रोल ट्रांसपोर्ट टैंकर्स (MRTT) को राफेल विमनों में तेल भरने भेज दिया। एमआरटीटी की मदद से राफेल को लैंडिंग की जरूरत ही नहीं पड़ी। बल्कि, आसमान में ही राफेल विमानों में तेल भर दिया गया। संयुक्त अरब अमीरात एमआरटीटी को राफेल विमानों में तेल भरने के लिए फिर से डिप्लॉय करेगा। जिसकी वजह से रणनीतिक तौर पर बेहद महत्वपूर्ण एयरफोर्स बेस बंगाल के हाशिमारा एयरबेस अप्रैल तक एक्टिवेट हो जाएगा।