- न्यूयॉर्क,। म्यांमार में सैन्य तख्ता पलट के बाद से हालात बिल्कुल भी ठीक नहीं है। 1 फरवरी, 2021 से सशस्त्र संघर्ष और असुरक्षा के कारण देश के विभिन्न हिस्सों में 2,10,000 से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं। ऐसे में संयुक्त राष्ट्र ने म्यांमार में पैदा हुई विकट स्थिति पर अपनी चिंता व्यक्त की है। इतना ही नहीं संगठन ने यहां पर भारी बारिश के चलते आई बाढ़ और कोरोना के मामले में हो रहे इजाफे पर भी चिंता प्रकट की है। संयुक्त राष्ट्र ने जारी किए अपने ताजा बयान में कहा कि यहां पर बाढ़ के प्रभाव से मानवीय स्थिति जटिल हो गई है। जिससे देशभर में 1,25,000 से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। साथ ही साथ कोरोना के मामलों में निरंतर वृद्धि हुई है, जिससे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
बता दें कि संयुक्त राष्ट्र और उसके मानवीय सहयोगी म्यांमार में पैदा हुई हिंसा, प्राकृतिक खतरों और खाद्य असुरक्षा से प्रभावित कुल 30 लाख लोगों को जीवन रक्षक सहायता और सुरक्षा सेवाएं देने के लिए काम कर रहे हैं। हालांकि, ये प्रयास असुरक्षा, सड़क अवरोधों, नौकरशाही बाधाओं और कोरोना संबंधित प्रतिबंधों के चलते बाधित है। सयुंक्त राष्ट्र ने मानवीय भागीदारों द्वारा ज़रूरतमंद लोगों तक की मदद करने के लिए आह्वान किया है। साथ ही कहा कि संयुक्त राष्ट्र और मानवीय साझेदारों के राहत प्रयासों को हमेशा मानवता, तटस्थता, निष्पक्षता के साथ निर्देशित किया जाता है।
गौरतलब है म्यांमार के सैन्य नेता मिन आंग ह्लाइंग (Min Aung Hlaing) ने इस सप्ताह की शुरुआत में खुद को देश का प्रधानमंत्री घोषित किया था और कहा था कि 2023 में चुनाव कराने से पहले वह देश चलाएंगे। बता दें कि 1 फरवरी को म्यांमार में सैन्य तख्ता पलट के बाद आपातकाल की घोषणा हुई थी। इस तख्तापलट के बाद यहां पर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुआ। इस दौरान काफी संख्या में लोगों की मौत हुई विस्थापन बढ़ा।