यात्रीगण कृपया ध्यान दें… मैनपुरी से डिंपल भाभी को जिताएं। इटावा जंक्शन पर शनिवार रात करीब 11 बजे अचानक यह अनाउंसमेंट होने लगा। ऐसा 15 से 20 बार हुआ। स्टेशन पर मौजुद यात्रियों को पहले तो लगा कि कहीं स्टेशन पर चुनाव प्रचार तो नहीं हो रहा। लेकिन कई बार सुनने के बाद वे समझ गए कि इन्क्वायरी ऑफिस के माइक से ही ये अनाउंसमेंट हो रहा है।घटना के दौरान स्टेशन पर मौजूद यात्रियों ने कहा कि पहली बार हम लोगों ने रेलवे के अनाउंसमेंट माइक से चुनाव प्रचार की आवाज सुनी। 15-20 बार डिंपल यादव के नारे लगे हैं। कई यात्रियों ने कहा कि क्या अब स्टेशन पर भी चुनाव प्रचार होगा? पुलिस उल्टा हम लोगों से पूछताछ कर रही है।मौके पर मौजूद यात्रियों का कहना है कि रात के समय पूछताछ केंद्र खाली था। तभी कुछ लोगों ने वहां जाकर ये हरकत की है। हालांकि, उन लोगों की अभी पहचान नहीं हो पाई है।यात्रियों ने मामले की पूछताछ खिड़की पर पहुंचकर शिकायत भी की है। मामला सामने आने के बाद रेलवे अधिकारी जांच में जुट गए। GRP भी अपने स्तर से पड़ताल कर रही है। हालांकि अभी तक यह साफ नहीं हो सका है कि ये हरकत किसने की है। रेलवे अधिकारी इस घटना को लेकर कुछ भी कहने से बच रहे हैं।भाजपा प्रत्याशी रघुराज सिंह शाक्य ने इस बात पर नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि सपा के लोग हार से पहले ही बौखला गए हैं। यह घटना दिखाती है कि उन लोगों ने अपनी हार मान ली है। हम लोग इस मामले में फैक्ट जमा कर रहे हैं। इसकी शिकायत चुनाव आयोग में भी की जाएगी।वहीं रेलवे स्टेशन के CMI ने ऑफ रिकॉर्ड जानकारी देते हुए बताया- रात को ड्यूटी पर मौजूद कर्मचारियों ने सुबह मामले की जानकारी दी है। मंडल ऑफिस रिपोर्ट भेजी जाएगी, जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई होगी।अपने दोस्त को रात में स्टेशन पर छोड़ने आए चंद्रवीर सिंह ने बताया कि रेलवे यूनियन के कुछ कर्मी प्रयागराज जा रहे थे। इसी बीच कुछ कर्मियों ने रेलवे इन्क्वायरी के अंदर घुस कर के यह अनाउंसमेंट किया है। इसमें डिंपल यादव जिंदाबाद और उनको मैनपुरी चुनाव में वोट देने की नारेबाजी की जा रही थी। रात में ही GRP को इसकी सूचना दी गई। उनके आने से पहले ही सभी लोग चले गए थे।बता दें कि सपा के सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव के निधन से खाली हुई मैनपुरी लोकसभा सीट पर 5 दिसंबर को उप चुनाव होना है। सपा ने पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव को अपना प्रत्याशी बनाया है। सैफई परिवार के लिए मैनपुरी सीट सियासत की सीढ़ी का काम करती है, नहीं इसका निर्णय उप चुनाव का परिणाम ही घोषित करेगा।